भाजपा ने पहली सूची में दस विधायकों का टिकट काट दिया, इनमें छतरपुर से राधाकृष्ण किशोर बोरियो से ताला मरांडी, सिमरिया से गणेश गंझू, चतरा से जयप्रकाश भोक्ता, सिंदरी से फूलचंद मंडल, झरिया से संजीव सिंह, घाटशिला से लक्ष्मण टुडू, गुमला से शिवशंकर उरांव, सिमडेगा से विमला प्रधान, मनिका से हरेकृष्ण सिंह शामिल हैं। हालांकि झरिया से संजीव सिंह के बदले उनकी पत्नी रागिनी सिंह को टिकट दिया गया है। संजीव सिंह अभी अपने चचेरे भाई नीरज सिंह की हत्या के आरोप में जेल में बंद हैं।
राधाकृष्ण किशोर के बदले पुष्पा देवी को टिकट दिया गया है। वे छतरपुर के पूर्व राजद विधायक और पलामू के पूर्व सांसद मनोज भुइंया की पत्नी हैं। राधाकृष्ण किशोर छतरपुर से चार बार चुनाव जीते हैं। 2014 में वे कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे और अभी पार्टी में मुख्य सचेतक की भूमिका में थे। किशोर के टिकट कटने की अटकलें पहले से लगाई जा रही थी। इसी तरह बोरियो से ताला मरांडी का टिकट कटना भी तय माना जा रहा था। इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद बेटे की शादी कथित तौर पर नाबालिग लड़की से करने को लेकर विवाद में आने के बाद उन्हें प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा था। तब से वे भाजपा से दूरियां बनाकर चल रहे थे। ताला मरांडी की जगह सूर्या हांसदा को टिकट दिया गया है।
गुमला से शिवशंकर उरांव का टिकट भी काट दिया गया है। मिसिर उरांव को गुमला से उम्मीदवार बनाया गया है। जबकि सिमडेगा से विमला प्रधान की जगह सदानंद बेसरा को उम्मीदवार बनाया गया है। विमला प्रधान दो बार चुनाव जीती हैं। शिवशंकर उरांव 2014 में जीते थे।दोनों विधायक अर्जुन मुंडा के भी करीबी माने जाते रहे हैं।
मनिका से रघुपाल सिंह को टिकट दिया गया है जबकि वर्तमान विधायक हरेकृष्ण सिंह को ड्रॉप किया गया है। इसी तरह चतरा में जनार्दन पासवान को टिकट दिया गया है, वे राजद से दो बार चतरा का चुनाव जीते हैं। लोकसभा चुनाव के वक्त भाजपा में शामिल हुए थे। सिमरिया में किशुन कुमार दास को पार्टी ने नया उम्मीदवार बनाया है. जबकि गणेश गंझू का टिकट काट दिया गया है। गणेश गंझू 2014 में जेवीएम से जीते थे और चुनाव जीतने के बाद झाविमो में शामिल हो गए थे।
दूसरे दलों से आए नेताओं को दिया मौका…
इधर वर्ष 2014 में दूसरे दलों के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद हाल ही में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए पांच विधायकों मनोज कुमार यादव, जयप्रकाश भाई पटेल, कुणाल षाड़ंगी , प्रकाश राम और भानू प्रताप शाही को पार्टी ने टिकट दे दिया है,वहीं कांग्रेस से आये सुखदेव भगत पर अब तक निर्णय नहीं हो पाया है।
वर्ष 2014 के विधानसभा के कुछ ही दिनों बाद झाविमो के आठ में से छह विधायक रणधीर सिंह, अमर कुमार बाउरी, जानकी प्रसाद यादव, आलोक चौरसिया, गणेश गंझू और नवीन जायसवाल भाजपा में शामिल हो गये थे। इनमें से गणेश गंझू की जगह पार्टी ने किशुन कुमार दास को टिकट दिया, जबकि रणधीर सिंह, आलोक चौरसिया और नवीन जयसवाल को टिकट फिर से मिल चुका है। वहीं अमर कुमार बाउरी के चंदनकियारी और जानकी प्रसाद यादव के बरकट्ठा विधानसभा सीट पर अब तक कोई फैसला नहीं हो सका है।
पिछले महीने की 23 तारीख को कांग्रेस से लोहरदगा के विधायक सुखदेव भगत, बरही के विधायक मनोज यादव, मांडू से झामुमो के विधायक जेपी पटेल, बहरागोड़ा से कुणाल षाड़ंगी और भवनाथपुर से नौजवान संघर्ष मोर्चा के विधायक भानू प्रताप शाही भाजपामें शामिल हुए हैं. जबकि पांच अक्टूबर को लातेहार से झाविमो के विधायक प्रकाश राम ने भाजपा का दामन थामा था। इनमें से सुखदेव भगत को छोड़ कर मुख्यमंत्री रघुवर दास की लॉबिंग के बाद पार्टी नेतृत्व ने टिकट दे दिया है, वहीं आजसू पार्टी के रवैये के कारण सुखदेव भगत का टिकट फंस गया है।
बता दें कि बीजेपी की ओर से 52 उम्मीदवारों की सूची रविवार को जारी की गई है। राज्य की 81 विधानसभा सीटों के लिए तीन चरणों में चुनाव होने है। पहले चरण के तहत होने वाले चुनाव के लिए 30 नवंबर को वोट डाले जाएंगे।