झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को डॉ रामदयाल मुंडा फुटबॉल स्टेडियम, मोरहाबादी, रांची में आयोजित शिक्षक नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में माध्यमिक विद्यालयों के लिए चयनित स्नातक प्रशिक्षित 827 शिक्षकों में से 24 शिक्षकों को सांकेतिक रूप से नियुक्ति पत्र प्रदान किए।
•Oct 16, 2023 / 07:49 pm•
Deendayal Koli
रांची. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को डॉ रामदयाल मुंडा फुटबॉल स्टेडियम, मोरहाबादी, रांची में आयोजित शिक्षक नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में माध्यमिक विद्यालयों के लिए चयनित स्नातक प्रशिक्षित 827 शिक्षकों में से 24 शिक्षकों को सांकेतिक रूप से नियुक्ति पत्र प्रदान किए। उन्होंने कहा कि राज्य में बड़े पैमाने पर नियुक्तियों की प्रक्रिया जारी है और कई विभागों में नियुक्ति हो चुकी है तो कई पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। इसी कड़ी में आपके बीच नियुक्ति पत्र का वितरण हो रहा है। आपसे उम्मीद है कि एक शिक्षक के रूप में आप बच्चों का भविष्य संवारने के साथ राज्य के विकास में अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा से करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड अलग राज्य गठन के दो दशक से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन कभी नियुक्ति नियमावली नहीं बन सकी। इस वजह से पहले जो भी नियुक्तियां हुई, वह विवादों के घेरे में आती रही। मामला न्यायालयों में पहुंचा। इस वजह से नियुक्तियों में तो विलंब हुआ ही, साथ ही भ्रष्टाचार की बातें लगातार सामने आई। हमारी सरकार ने पहली बार नियुक्ति नियमावली बनाकर विभिन्न विभागों में खाली पदों पर नियुक्तियां कर रही है। जेपीएससी का रिजल्ट रिकॉर्ड समय में जारी हुआ और इसमें 32 ऐसे अधिकारी बने, जो बीपीएल श्रेणी से आते हैं। यह इस बात का गवाह है कि जेपीएससी की परीक्षा में पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता बरती गई और कहीं कोई विवाद पैदा नहीं हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी विभागों में तो नियुक्तियों का दौर चल ही रहा है। डॉक्टर, इंजीनियर, पशु चिकित्सक, आयुष चिकित्सक, कृषि पदाधिकारी, खेल पदाधिकारी, पंचायत सचिव, नर्स और लिपिकों आदि के पदों पर नियुक्ति हो चुकी है। वहीं रोजगार मेला लगाकर निजी संस्थानों और कंपनियों में भी लगभग 34 हजार नौजवानों को ऑफर लेटर मिल चुका है। सरकार का प्रयास है कि यहां के नौजवानों को अपने पैरों पर खड़ा कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक लंबे संघर्ष के बाद हमें अलग झारखंड राज्य मिला। लेकिन हमारे पूर्वजों ने राज्य के सर्वांगीण विकास का जो सपना देखा था, वह पिछले दो दशकों में पूरा नहीं हो सका। तमाम संसाधनों के बाद भी झारखंड की गिनती पिछड़े राज्यों में होती रही । लोगों की उम्मीदें लगातार टूटती रहीं। लेकिन, हमारी सरकार पिछले 4 वर्षों से जिस तरह कार्य करती आ रही है, उससे विकास को एक नया आयाम मिल रहा है। इस मौके पर मंत्री आलमगीर आलम और सत्यानंद भोक्ता, राज्यसभा सांसद डॉ महुआ माजी, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के रवि कुमार, प्राथमिक शिक्षा निदेशक नेहा अरोड़ा, एसपीडी निदेशक किरण पासी और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सुनील कुमार समेत जिला प्रशासन के कई अधिकारी मौजूद रहे।
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