कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव और छत्तीसगढ़ के पार्टी सह प्रभारी रहे रिटायर आईपीएस अरूण उरांव के सिसई या गुमला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की संभावना है। बताया गया है कि टिकट मिलने का आश्वासन मिलने पर ही वे भाजपा में शामिल हुए है, ऐसे में सिसई से निर्वाचित भाजपा विधायक सह विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव अथवा गुमला के भाजपा विधायक शिवशंकर उरांव का टिकट कटने की संभावना बन गई है।
वहीं बहरागोड़ा के झामुमो विधायक कुणाल षाड़ंगी की पार्टी में एंट्री से भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेश षाड़ंगी की दावेदारी पर संकट मंडराने लगा है। कुणाल षाड़ंगी के पिता दिनेश षाड़ंगी भी इस क्षेत्र का दो बार प्रतिनिधित्व कर चुके है और कुणाल षाड़ंगी में भाजपा में शामिल हो जाने से पार्टी द्धारा उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने की संभावना है।
बरही विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के कद्दावर नेता मनोज कुमार यादव के भाजपा में शामिल होने के बाद बरही के पूर्व भाजपा विधायक अकेला यादव, हाल ही में झाविमो से भाजपा में शामिल हुए योगेंद्र प्रताप सिंह और सबिता देवी की मश्किलें भी बढ़ गई है। ये तीनों नेता भी काफी दिनों से चुनाव की तैयारी में जुटे थे, जिसके बाद यह तय माना जा रहा है कि भाजपा ने यदि मनोज कुमार यादव को उम्मीदवार बनाया, तो इन नेताओं द्वारा दूसरे दल में संभावनाओं की तलाश की जा जाएगी।
भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित नौजवान संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष और भवनाथपुर विधायक भानू प्रताप शाही के भाजपा में शामिल होने से पिछले चुनाव में काफी कम अंतर से चुनाव हारने वाले भाजपा प्रत्याशी अनंत प्रताप देव की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वहीं लोहरदगा सीट पर पिछले तीन चुनाव से आजसू पार्टी की दावेदारी रही है, लेकिन सुखदेव भगत के भाजपा में शामिल होने के बाद यह संभवना बन गई है कि इस सीट के बदले पार्टी सहयोगी दल आजसू को कोई दूसरा सीट देगी। हालांकि अब तक एनडीए में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय नहीं हुआ है। लेकिन आजसू पार्टी नेता सह लोहरदगा के पूर्व विधायक कमल किशोर भगत अपनी पत्नी नीरू भगत को चुनाव में उतारने की तैयारी में है।
इसी तरह से एनडीए में चंदनकियारी भी हॉट सीट मानी जा रही है। इस सीट पर पिछली बार झारखंड विकास मोर्चा के अमर बाउरी ने जीत हासिल की थी। बाद में बाउरी पाला बदल कर भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा में शामिल होने के बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया।
इधर, आजसू ने कहा है कि यह सीट आजसू की है। पूर्व मंत्री उमाकांत रजक प्रमुख दावेदार हैं। पिछले चुनाव में उमाकांत रजक दूसरे नंबर पर थे। इस सीट को लेकर एनडीए में काफी माथापच्ची हो सकती है। अगर बीजेपी इस सीट को नहीं छोड़ती है तो उमाकांत रजक दूसरा आशियाना भी तलाश सकते हैं।