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इन्हें राहत देते हुए अब वर्तमान की योगी सरकार में जल शक्ति मंत्री बलदेव ओळख के आग्रह पत्र पर खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लेकर एक कमेटी बनाई है। कमेटी पूरी रिपोर्ट तैयार करके उन्हें उपलब्ध कराएगी। जिसके बाद इन किसानों को उनकी जमीन नाम दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि 20 जून 2020 को यूपी सरकार के जलशक्ति मंन्त्री बलदेव ओळख ने 7 जिलों के सैकड़ों किसानों की समस्या को लेकर योगी आदित्यनाथ को लिखा था। जिसमें उन्होंने शाहजहाॅपुर, पीलीभीत, बरेली, रामपुर, बिजनौर आदि में विस्थापित सैकड़ों सिख किसान एवं गैर सिख किसानों को मालिकाना हक दिलाने के लिए आग्रह किया। यह भी पढ़ें
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मंत्री ओळख ने बताया कि भारत-पाक बंटवारे के बाद बहुत सारे सिख किसान व गैर सिख किसान उत्तर प्रदेश के भिन्न-भिन्न जिलों में आकर जंगल व नवाबों की रियासत व राजों की भूमि पर रात-दिन मेहनत करके इसे कृषि कार्य योग्य तैयार किया। यह कृषि योग्य भूमि ज्यादातर किसानों के नाम न कर या उसके बाद कहीं भूमि पर जंगल व सीलिंग दर्ज करके इन किसानों का बराबर उत्पीड़न हो रहा था। विस्थापित किसान तीन-चार पीढ़ियों से उसी भूमि पर कृषि करते रहे तथा सरकार द्वारा वहाॅ पर स्कूल, पक्की सड़के, नलकूप, विद्युत कनेक्शन आदि दिये गये हैं तथा यह लोग चीनी मिल में शेयर होल्डर, आदि लेकर निवास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी ने संज्ञान लेकर राजस्व विभाग द्वारा 6 सदस्यीय एक समिति का गठन किया गया है। जो तीन माह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। समिति सभी पहलुओं पर रिपोर्ट देगी। इस समिति में जनपद से सम्बन्धित मण्डल के मण्डलायुक्त, अध्यक्ष व मण्डल के मुख्य वन संरक्षक व सम्बन्धित जनपद के प्रभागीय बनाधिकारी, सम्बन्धित मण्डल के मुख्य अभियन्ता व सम्बन्धित जनपद के अधिशाषी अभियन्ता (सिंचाई), सम्बन्धित मण्डल के उप गन्ना आयुक्त, व सम्बन्धित जनपद के जिला गन्ना अधिकारी, जनपद के बन्दोबस्त अधिकारी, सदस्य एवं जनपद के जिलाधिकारी द्वारा नामित अपर जिलाधिकारी सदस्य/ सचिव होंगे। जो कि अपनी रिपोर्ट देंगे।