यहां बता दें कि जिला प्रशासन की टीम भारी पुलिस बल के साथ बुधवार सुबह करीब पांच बुलडोजर के साथ मौके पर पहुंची आैर मानकों के विपरीत बताते हुए उर्दू गेट को तोड़ दिया गया। बताया जा रहा है कि बुधवार सुबह 4 बजे से पांच बुलडोजर समेत कई थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गर्इ आैर तोड़फोड़ की कार्रवार्इ शुरू की। फिलहाल उर्दू गेट को ध्वस्त कर मलबा उठाने की कार्रवार्इ की जा रही है। वहीं विरोध को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है। उर्दू गेट के चारों तरफ पुलिस ने बेरीकेटिंग कर रखी है। साथ ही वाहनों की आवाजाही भी इस मार्ग पर बंद कर दी गर्इ है। प्रशासन की आेर से इस रूट को पूरी तरह डायवर्ट कर दिया गया। इसके चलते जाम की स्थिति बन गर्इ।
आजम खां के धुर विरोधी कहे जाने वाले नेताआें ने की थी शिकायत बुधवार को प्रशासन ने आजम खान द्वारा बनवाए गए इस उर्दू गेट पर बुलडोजर चलवाया। आरोप है कि सत्ता में रहने के दौरान उन्होंने मानकों के विपरीत इस गेट को बनवाकर सरकारी जमीन यूनिवर्सिटी के कब्जे में ले ली थी जबकि यह सार्वजनिक रोड थी। बता दें कि समाजवादी पार्टी के शासनकाल में उर्दू गेट के निर्माण के लिए 40 लाख रुपये की राशि खर्च की गर्इ थी। इसके बाद प्रदेश में भाजपा की सत्ता आते ही आजम खां के धुर विरोधी कहे जाने वाले कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक नवाब काजिम अली खान उर्फ नावेद मियां व भाजपा नेता आकाश कुमार सक्सेना के अलावा कांग्रेस नेता फैसल खान ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर शिकायत की थी।
आजम खान ने किया विधायक निधि का दुरुपयोग जिलाधिकारी डीएम आंजनेय कुमार सिंह का कहना है कि उर्दू गेट को विधायक निधि से बनाया गया था। इसे निर्माण में किसी भी नियम-कायदे की पालना नहीं की गर्इ थी। उन्होंने बताया कि किसी भी मार्ग पर स्पीड ब्रेकर तक बनाने के लिए जिला प्रशासन की अनुमति लेनी होती है, लेकिन उर्दू गेट के निर्माण के लिए इजाजत लेना भी जरूरी नहीं समझा गया। उन्होंने बताया कि इसके निर्माण के लिए विधायक निधि का भी दुरुपयोग किया गया। इतना ही नहीं इसमे सीएनडीएस जैसी सरकारी संस्था की भी मिलीभगत सामने आर्इ है। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक समिति गठित की गई थी, जिसकी जांच के बाद ही गेट गिराने की कार्रवार्इ की गर्इ है। साथ ही सीएनडीएस के अफसरों के विरूद्ध भी कार्रवाई के लिए सरकार को पत्र लिखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार से यह भी मांग की गर्इ है कि विधायक निधि के दुरुपयोग की वसूली इन अफसरों से की जाए।