‘सैकड़ों राउंड फायरिंग में भी मैं नहीं मरा’ आजम खान 1989 के एक किस्से का जिक्र करते हुए बताया कि तब कांग्रेस की सरकार हुआ करती थी और नवाबजादे जुल्फिकार अली संसद के सदस्य थे और उनके बड़े भाई भी जीवित थे। मैं पत्नी और तीनों बेटियों के साथ वोट डालने गया था। उस दौरान मेरे सीने पर 7-8 तमंचे तान दिए गए थे, जिनमें एक जर्मन पिस्टल भी थी। सभी ने ताबड़तोड फायरिंग की। रिवॉल्वर आकर मेरे पास गिरी। पुलिस की फायरिंग हुई और सैकड़ों राउंड गोली चली। तब भी मुझे मौत नहीं… मैं नहीं मरा।
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आजम खान के रिहा होने पर अखिलेश यादव ने तोड़ी चुप्पी, जानें क्या कहा सपा अध्यक्ष ने हेलीकॉप्टर हादसे में भी कुछ नहीं हुआ आजम ने एक अन्य किस्से को बयां करते हुए बताया कि पिछली बार चुनाव प्रचार कर रहा था। यह तो आप सभी अच्छे से जानते होंगे की हेलीकॉप्टर के पर में मक्खी के समान भी कुछ आ जाए तो वह क्रैश हो जाएगा। उस दौरान दो करोड़ का हेलीकॉप्टर था। एक बड़ा टुकड़ा उड़ और बहुत जोर का धमाका हुआ। हेलीकॉप्टर नाचता रहा… वह कभी हाईटेंशन लाइन में उलझा तो कभी कभी ट्रेन से। पायलट पसीने-पसीने थे। उस वक्त एक दुआ याद रही थी… हेलीकॉप्टर जमीन पर गिरा और वह उस खेत में गिरा जहां आलू निकाले गए थे और खेत बहुत नरम था।
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Azam khan की रिहाई पर ट्वीट करते ही ट्रोल हुए अखिलेश यादव अस्पताल में सिर्फ मैं ही जिंदा बचा आजम खान ने पिछले दिनों कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए बताया कि मुझे जेल में कोरोना हो गया था। इतना भयानक कोरोना हुआ कि पूरे अस्पताल में सिर्फ मैं ही जिंदा बचा। मेरे सामने का वार्ड खाली हो जाता था और फिर से भर जाता था। मुझे तब भी मौत नहीं आई। ये मेरे चाहने वालों की कोशिश का नतीजा है कि मैं जिंदा बाहर आ गया हूं।