10 साल तक चेयरमैन रहे शफीक
स्वार उपचुनाव के प्रचार के दौरान आजम खान ने एक सभा में कहा कि शफीक नमक खाकर गद्दारी करता है। वो जिन कामों को गिना कर आज इलेक्शन लड़ रहा है। उसके लिए फंड मैंने दिया है। आपको बता दें कि शफीक अंसारी बीते 10 साल से स्वार के चेयरमैन थे। शफीक को कोई बहुत तेज तर्रार राजनेता के तौर पर नहीं देखा जाता रहा है। सपा सरकार में जब आजम खान नगर विकास मंत्री थे तो शफीक स्वार के चेयरमैन थे। आजम खान की निगाह बेटे अब्दुल्ला के लिए स्वार विधानसभा पर थी। ऐस में उन्होंने काफी काम स्वार में कराया। नगर विकास मंत्री होने के नाते उनसे मिले कामों ने शफीक की छवि विकास पुरुष की बनी दी।
स्वार उपचुनाव के प्रचार के दौरान आजम खान ने एक सभा में कहा कि शफीक नमक खाकर गद्दारी करता है। वो जिन कामों को गिना कर आज इलेक्शन लड़ रहा है। उसके लिए फंड मैंने दिया है। आपको बता दें कि शफीक अंसारी बीते 10 साल से स्वार के चेयरमैन थे। शफीक को कोई बहुत तेज तर्रार राजनेता के तौर पर नहीं देखा जाता रहा है। सपा सरकार में जब आजम खान नगर विकास मंत्री थे तो शफीक स्वार के चेयरमैन थे। आजम खान की निगाह बेटे अब्दुल्ला के लिए स्वार विधानसभा पर थी। ऐस में उन्होंने काफी काम स्वार में कराया। नगर विकास मंत्री होने के नाते उनसे मिले कामों ने शफीक की छवि विकास पुरुष की बनी दी।
अब्दुल्ला आजम की सदस्यता जाने के बाद खाली हुई स्वार पर लोकल कैंडिडेट के शोर में अपना दल से शफीक अंसारी टिकट ले आए। इतना ही नहीं वो भाजपा और अपना दल के टिकट पर जीत भी गए।
आजम ने शफीक को भांपने में की गलती!
आजम खान को बेहद तेज तर्रार नेताओं में गिना जाता है। उन्होंने स्वार में बेटे अब्दुल्ला के लिए जमीन तैयार करने में शफीक का इस्तेमाल भी किया। इसमें वो कामयाब भी रही। दो बार अब्दुल्ला स्वार से जीते। हालांकि बदले वक्त में आजम की सियासत के सितारे डूबे तो शफीक की राहें उनसे जुदा हो गई। आज शफीक ने ही आजम के बेटे की सीट छीन ली है।
आजम खान को बेहद तेज तर्रार नेताओं में गिना जाता है। उन्होंने स्वार में बेटे अब्दुल्ला के लिए जमीन तैयार करने में शफीक का इस्तेमाल भी किया। इसमें वो कामयाब भी रही। दो बार अब्दुल्ला स्वार से जीते। हालांकि बदले वक्त में आजम की सियासत के सितारे डूबे तो शफीक की राहें उनसे जुदा हो गई। आज शफीक ने ही आजम के बेटे की सीट छीन ली है।