रामपुर। नगर पालिका के बुलडोजर ने कथित सैकड़ों साल पुराने मजार को जमींदोज कर मजार का मलवा भी वहां से उठाकर दूसरी जगह फेंक दिया है। बताया जा रहा है कि सैकड़ों साल पुरानी इस मजार पर हुई कार्रवाई को लेकर मजार की सेवा करने वाले समेत लोगों में रोष है। वहीं रामपुर जिलाधिकारी आञ्जनेय कुमार सिंह ने बताया कि ये जगह उद्धान विभाग की थी। उद्धान विभाग की जमीन पर मजार होने का न तो कोई नक्शा है और न ही उस मजार को लेकर कोई इतिहास है। कुछ लोगों ने यहां पर ये बना दिया।
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आरोप है कि यहां पर गलत क्रियाएं होती थीं। विकास के कार्यों को आगे बढ़ाना है, उसी को ध्यान में रखकर ये कार्रवाई की गई है। डीएम ने ये भी साफ किया है कि अगर यहां पर मजार होता तो उसके अभिलेख भी होते। पर उक्त मजार को लेकर कोई इतिहास व रिकार्ड न तो नगर पालिका में हैं और ना ही रजा लाइब्रेरी की किसी किताब में। इस मजार का कोई जिक्र होना नहीं पाया गया है। मजार के नाम का सवाल है तो जंजीर वाले बाबा का मजार बरेली में हैं। यहां पर कोई नहीं। यह भी पढ़ें