सत्ता पक्ष को नसीहत दी नागारिकता संशोधन विधेयक पास होने के बाद सपा सांसद आजम खान ने सत्ता पक्ष को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि यह फैसला ताकत के बल पर हुआ है। विपक्ष की संख्या कम है। वे कितनी भी सही बात कहें लेकिन उनको कोई नहीं सुनेगा। यह अच्छा लोकतंत्र नहीं है। लोकतंत्र में सिर गिने जाते हैं। अच्छे लोकतंत्र के लिए विपक्ष की बात सुननी हीं नहीं माननी भी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज जिस बात को लेकर बंटा है, उसी को लेकर 1947 में देश का बंटवारा हुआ था। लेकिन जो लोग पाकिस्तान नहीं गए थे, उनके पास रास्ता था पाकिस्तान जाने का। मुसलमानों के अलावा किसी के पास विकल्प नहीं था पाकिस्तान जाने का। जो लोग उस वक्त पाकिस्तान नहीं गए, वह शायद उनसे ज्यादा बड़े देश भक्त थे जिन्हें जाने का ऑप्शन नहीं था। अब अगर उस देशभक्ति की यही सजा है तो उस पर कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती है। लोकतंत्र में दिमाग नहीं सर गिने जाते हैं।