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ये हुए बरी
करीब 12 साल पहले हुई इस घटना के मुकदमे में पिछले शनिवार को बहस पूरी हो गई थी। आज पहली नवंबर को अदालत ने फैसला सुनाते हुए सीआरपीएफ आतंकी हमले के आरोप से कौसर फारूकी और गुलाब खान बरी कर दिया। इनमें कौसर फारूकी कुंडा प्रतापगढ़ का और गुलाब खान खजुरिया रामपुर का रहने वाला है। जबकि दो पाकिस्तानी समेत छह को सीआरपीएफ हमले में दोषी करार दिया गया है। अपर जिला जज संजय कुमार ने यह फैसला सुनाया । इन्हें सजा कल सुनाई जाएगी।
ये था मामला
यहां बता दें कि सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर 31 दिसंबर 2007 की रात आतंकियों ने हमला कर दिया था। हमले में सीआरपीएफ के सात जवान शहीद हो गए थे, जबकि एक रिक्शा चालक की भी जान इस हमले में गई थी। पुलिस ने हमले के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें पाक अधिकृत कश्मीर का इमरान, मोहम्मद फारूख, मुंबई गोरे गांव का फहीम अंसारी, बिहार के मधुबनी का सबाउद्दीन सबा, प्रतापगढ़ के कुंडा का कौसर खां, बरेली के बहेड़ी का गुलाब खां, मुरादाबाद के मूंढापांडे का जंग बहादुर बाबा खान और रामपुर के खजुरिया गांव का मोहम्मद शरीफ शामिल हैं। आज सुबह इन्हें कड़ी सुरक्षा में रामपुर कोर्ट लाया गया।
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कल होगा सजा का ऐलान
बचाव पक्ष की ओर से दिल्ली के अधिवक्ता एमएस खान के साथ स्थानीय अधिवक्ता मोहम्मद जमीर रिजवी और नावेद खां ने बहस की है। जबकि अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी दलविंदर सिंह डंपी और एटीएस लखनऊ की ओर से आए अधिवक्ता अतुल ओझा ने बहस की। अभियोजन पक्ष ने आरोपितों के घटना में शामिल होने का तर्क देते हुए कड़ी सजा की मांग की। शासकीय अधिवक्ता दलवीर सिंह ने बताया कि बहस पूरी हो गयी है। कोर्ट ने दो को बरी कर दिया है अब आरोप सही पाए जाने के बाद सजा का ऐलान कल होगा।