बता दें सपा सरकार में सीओ सिटी आले हसन खान का रुतवा एसपी से भी ऊपर था। कहने को वह सीओ थे, लेकिन उनकी मर्जी के बगैर रामपुर में बड़े अफसर भी कोई फैसला नहीं ले पाते थे। इसकी सबसे बड़ी वजह उनका अखिलेश सरकार के कद्दावर मंत्री आजम खान का बेहद करीबी होना था। वहीं दो साल पहले आले हसन सेवानिवृत्त हुए तो आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी में ही उनको मुख्य सुरक्षा अधिकारी बना दिया गया। अब आजम खान का करीबी होना ही उनके लिए मुसीबत बन गया है। उनके खिलाफ रोज मुकदमे दर्ज कराए जा रहे हैं, लेकिन अब रामपुर पुलिस आले हसन की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापे मार रही है।
पुलिस लगातार दे रही दबिश ज्ञात हो कि आले हसन को प्रशासन ने आजम खान के साथ ही भूमाफिया घोषित कर दिया है। उनके खिलाफ यूनिवर्सिटी की जमीन कब्जाने के आरोप 28 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इनमें दो मुकदमे प्रशासन ने दर्ज कराए हैं, जबकि बाकी मुकदमे आलियागंज के किसानों ने दर्ज कराए हैं। किसानों का आरोप है कि सपा शासनकाल में आले हसन ने उन्हें हवालात में बंद कराया और चरस व स्मैक रखने का आरोप लगाकर जेल भेजने की धमकी दी। उनकी जमीन आजम खान की यूनिवर्सिटी में जबरन मिला ली। इनके अलावा दस मुकदमे गंज थाने में दर्ज कराए गए हैं। मुकदमे कराने वालों ने आरोप लगाया है कि सपा शासनकाल में उनके घरों को तोड़कर सामान लूट लिया गया। पुलिस अधीक्षक डाॅ. अजयपाल शर्मा का कहना है कि आले हसन की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है। उनके बारे में ऐसी भी शिकायत मिली हैं कि उन्होने लोगों को फर्जी मुकदमों में स्मैक और चरस बरामद दिखाकर जेल भेजा है, इसकी भी जांच चल रही है।