यह भी पढ़ें- योगी से अच्छा सीएम नहीं मिल सकता, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का बड़ा बयान दरअसल, यह मामला रामपुर (Rampur) जिले के टांडा थाना क्षेत्र स्थित टंडाेला मोहल्ले का है। जहां समुदाय विशेष के दर्जनभर घरों के बाहर ‘मकान बिकाऊ है’ लिखकर पलायन की चेतावनी दी गई है। बताया जा रहा है कि 28 मई को एक घर में कैरम खेलने के दौरान दो समुदायों के बीच विवाद हो गया था। विवाद के दौरान दोनों पक्षों में जमकर मारपीट भी हुई। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ शांति भंग में चालान किया था। इस मामले में पीड़ित पक्ष ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। इसके बाद समुदाय विशेष के लोगों ने पलायन की चेतावनी देते हुए घरों के बाहर ‘यह मकान बिकाऊ है’ लिख दिया। लोगों ने कहा कि अगर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो वह अपना घर बेचकर यहां से पलायन कर जाएंगे। मामले की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे स्वार कोतवाली सीओ ने लोगों को समझाया और कहा कि पुलिस दोबारा तहरीर ले रही है। उन्होंने लोगों को कार्रवाई का आश्वासन भी दिया।
टप्पल पलायन मामले ने पकड़ा सियासी तूल वहीं, अलीगढ़ जिले के टप्पल (Tappal) थाना क्षेत्र स्थित नूरपुर (Noorpur) गांव में सवा सौ हिंदू परिवारों द्वारा पलायन की चेतावनी (Exodus Warning) देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सोशल मीडिया गांव के घरों के बाहर ‘मकान बिकाऊ है’ का फोटो वायरल होने के बाद मामले ने सियासी तूल पकड़ लिया है। रविवार को अखंड भारत हिंदू सेना, राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन, हिंदू युवा वाहिनी मंच, हिंदू फोर्स दिल्ली के कार्यकर्ता टप्पल पहुंच गए। इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस ने नूरपुर से एक किमी पहले यमुना एक्सप्रेसवे पुल के नीचे दोनों तरफ के रास्तों को सील कर दिया, ताकि कोई गांव न पहुंच सके। इस दौरान कार्यकताओं की पुलिस बल से झड़प भी हुई। इसके बाद पुलिस ने पीड़ित परिवार को मौके पर बुलाकर हिंदू संगठनों से बात करवाई। इसके बावजूद सभी हिंदू संगठन गांव जाने की जिद पर अड़े रहे। इस पर दो कार्यकर्ताओं को पुलिस फोर्स के साथ गांव भेजा गया। वहीं, अन्य कार्यकर्ताओं ने पुल के नीचे ही हनुमान चालीसा का पाठ किया।