यह भी पढ़ेंं: सब्जी में प्याज का तड़का लगते ही बहू के खिलाफ सास पहुंची थाने शुक्रवार को जयाप्रदा ने प्रेस कांफ्रेंस कर सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि किसी सांसद या विधायक ने लाभ का पद लिया है तो उसकी सदस्यता समाप्त होगी, भले ही उसने दूसरे पद पर रहते हुए वेतन व अन्य भत्ते लिए हों या नहीं। उन्होंने कहा कि कानून किसी भी व्यक्ति को किसी भी रूप में एक साथ लाभ के दो पदों पर रहने की इजाजत नहीं देता। उन्होंने कहा कि आजम खान ने निर्वाचन आयोग व संविधान के अनुच्छेदों का पालन नहीं किया है। उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि लाभ के पद पर रहते हुए चुनाव लड़ा। जिसकी वजह से आजम खान संवैधानिक रूप से सांसद नहीं रह सकते है। जयाप्रदा ने कहा कि निर्वाचन आयोग को उनकी सदस्यता शून्य घोषित करनी चाहिए।
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जयाप्रदा ने कहा कि सांसद पद से इस्तीफा देने की बात आजम खान कह चुके है, अगर वे इस्तीफा नहीं देते है तो उनके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। उन्होंने कहा कि आजम खान ने रामपुर की जनता और चुनाव आयोग को धोखा दिया है। उन्होंने साल 2006 में सोनिया गांधी व जया बच्चन की सदस्यता समाप्त होने का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा कि 2006 में कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्षता सोनिया गांधी को लोकसभा से इस्तीफा ने देकर रायबरेली से फिर से चुनाव लड़ना पड़ा, क्योंकि सांसद होने के साथ-साथ वे राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के पद पर तैनात थी। वहीं 2006 में ही जया बच्चन राज्यसभा सांसद होने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश फिल्म विकास निगम की अध्यक्ष भी थी। जिस कारण उनकी सदस्यता भी समाप्त हो गई। यह भी पढ़ें