यह भी पढ़ें- जाम में फंसी एंबुलेंस में प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला ने दिया बच्चे को जन्म बता दें कि लालपुर डैम का पुल अंग्रेजों के जमाने का बना हुआ था। छोटा होने के कारण आए दिन यहां जाम की समस्या रहती थी। सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे आजम खान ने उस पुल को तुड़वाकर उसके स्थान पर नए पुल की बुनियाद रख दी, लेकिन इसके बाद में उनकी सरकार चली गई। इसके बाद आजम खान ने चुनाव से पहले कई बड़े-बड़े प्रदर्शन कर योगी सरकार से पुल बनाने की मांग की, लेकिन उनका सपना साकार नहीं हो सका। हालांकि अब पूर्व सांसद जयाप्रदा इस पुल को पूरा कराने की जिम्मेदारी ले ली है। अब देखने वाली बात ये होगी कि वह इस कब तक पूरा कराती हैं।
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दरअसल, जिले की दो विधानसभा यानी स्वार टांडा और चमरोवा के लोगों का आवा-गमन इसी पुल के जरिये होता है। रोजाना हजारों की तादाद में लोग इसी पुल से होकर मुख्यालय पहुंचते हैं। फिलहाल प्रशासन ने यहां एक अस्थाई लकड़ी का पुल बनवाया है, जिससे लोग लोग गुजरते हैं। लेकिन, किसानाें को गेहूं-धान-गन्ना व अन्य फसल बेचने के लिए सैकड़ों किलोमीटर का अधिक रास्ता तय करना पड़ता है। किसानों की इस समस्या को दो साल से भाजपा की प्रदेश सरकार नजरअंदाज कर रही थी, लेकिन अब देखने वाली बात ये है कि जया प्रदा इसे कब तक बनवा पाती हैं।
दरअसल, जिले की दो विधानसभा यानी स्वार टांडा और चमरोवा के लोगों का आवा-गमन इसी पुल के जरिये होता है। रोजाना हजारों की तादाद में लोग इसी पुल से होकर मुख्यालय पहुंचते हैं। फिलहाल प्रशासन ने यहां एक अस्थाई लकड़ी का पुल बनवाया है, जिससे लोग लोग गुजरते हैं। लेकिन, किसानाें को गेहूं-धान-गन्ना व अन्य फसल बेचने के लिए सैकड़ों किलोमीटर का अधिक रास्ता तय करना पड़ता है। किसानों की इस समस्या को दो साल से भाजपा की प्रदेश सरकार नजरअंदाज कर रही थी, लेकिन अब देखने वाली बात ये है कि जया प्रदा इसे कब तक बनवा पाती हैं।
यह भी पढ़ें- Video: प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञों में शुमार इस डॉक्टर ने खुद को मारी गोली, सुसाइड की वजह सुन सहम गए लोग आजम खान और उनके विधायक बेटे पर लगाए गंभीर आरोप
पुल का निरीक्षण करने पहुंची जया प्रदा ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी आजम खान और उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम पर जमकर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि वह वर्तमान में स्वार टांडा के विधायक हैं, लेकिन इसके बावजूद वह इसे पूरा नहीं करा रहे हैं। उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती और उनके पिताजी जो कि अब रामपुर के सांसद हैं, सरकार में मिनिस्टर रहते हुए अपने बेटे की विधानसभा में यह पुल कंप्लीट नहीं करा पाए।
उन्हें यहां की जनता से वोट लेना था सो ले लिया। उन्होंने कहा जब मैं सांसद थी तब मैंने जिले में 12 से 14 बड़े-बड़े पुल बनवाए तो क्या एक पुल नहीं बनवा सकती थी। मैंने यह प्रस्ताव भेजा भी था, लेकिन आजम खान साहब ने प्रस्ताव खारिज कर दिया। खुद उन्होंने इस पुल को बनाने का बीड़ा भी उठाया, लेकिन पुल को फाइनल नहीं किया। यह लोग सियासत करते हैं काम नहीं।
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