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बता दें कि आजम खान की आपत्तिजनक टिप्पणी का यह मामला 2014 में लोकसभा चुनाव का है। उस दौरान देशभर में आचार संहिता लागू थी और नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। वे इस चुनाव में भाजपा से प्रधानमंत्री पद के दावेदार थे। इसी बीच रामपुर के किला मैदान में आयोजित जनसभा में आजम खान ने नरेंद्र मोदी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस पर पुलिस की तरफ से शहर कोतवाली में आजम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस ने इस केस में जांच के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। इस चार्जशीट पर आजम खान के अधिवक्ता ने आपत्ति दाखिल की थी। अधिवक्ता ने कहा था कि मुकदमा 2014 में दर्ज किया गया था, जबकि चार्जशीट 2018 में लगाई गई थी। इतनी देरी से चार्जशीट लगाना उनकी समझ से परे है। कोर्ट ने आजम के अधिवक्ता की दलील सुन चार्जशीट पर आपत्ति को मंजूर कर लिया। इस मामले में चलेगा केस वहीं दूसरा केस आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़ा है, स्वार कोतवाली में 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान दर्ज किया गया था। इसमें आजम खान पर निर्धारित समय से अधिक समय तक रोड शो करने का आरोप है। इस केस में भी पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। आजम ने इस चार्जशीट पर भी आपत्ति दर्ज कराई थी, लेकिन उनकी इस आपत्ति को खारिज करते हुए कोर्ट मुकदमा चलाने के आदेश दिए हैं।