ये है मामला
ये मामला थाना शहजादनगर के ककरौआ गांव निवासी रामपाल से जुड़ा है। वह होम्योपैथी विभाग में कर्मचारी हैं। वर्ष 2003 में उन्होंने जिला उपभोक्ता फोरम में एक परिवाद दर्ज कराया था। जिसमें गांव के ही रहने वाले डाकिया भूकन सरन पर उनकी जरूरी चिट्ठी न पहुंचाने की शिकायत की थी। इसमें इस मामले में जिला उपभोक्ता फोरम ने डाक विभाग की सेवा में कमी मानते हुए जुर्माना लगाया था। इस आदेश के खिलाफ डाक कर्मचारी ने राज्य उपभोक्ता फोरम में अपील की। राज्य उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष अख्तर हुसैन खान ने अपील को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अपील निचली फोरम के आदेश के साढ़े छह साल बाद की गई है। अपील की सुनवाई करने के लिए उचित और युक्तिसंगत आधार नहीं है। फोरम ने 1.40 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
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कॉल लेटर नहीं पहुंचाया
यहां बता दें कि रामपाल ने वर्ष 2003 में कृषि विभाग में बाबू के पद पर नौकरी के लिए आवेदन किया था। उनका कॉल लेटर रजिस्टर्ड डाक से भेजा गया, जिसे उनके गांव में ही रहने वाले डाकिये ने यह आपत्ति लगाकर वापस भेज दिया था कि इस नाम का कोई व्यक्ति गांव में नहीं है। पीड़ित के मुताबिक गांव में इस नाम के कई व्यक्ति रहते हैं। वोटर लिस्ट और शपथ पत्रों के माध्यम से इसकी पुष्टि भी हुई थी। दरअसल, डाक कर्मचारी ने द्वेष भावना के चलते उनकी चिट्ठी नहीं पहुंचाई।