गांव स्थित सार्वजनिक नाली व रास्ता पर पिछले 25 वर्ष से गांव के ही सज्जन गोड़, मुन्ना, लल्लन गोड़ ने कब्जा कर बाकायदा पक्का मकान, गौशाला का निर्माण करने के साथ ही मवेशियों को बाधने का कार्य करते थे। गांव के समाजसेवी अंकित पटेल ने सार्वजनिक संपत्ति पर कब्जा को लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल सहित मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी से मिलकर शिकायत किया था।
उच्चाधिकारियों के निर्देश पर तहसील प्रशासन ने गांव स्थित नाली व रास्ता की नापी करने के साथ ही दो माह पूर्व अतिक्रमणकारियो को नोटिस जारी किया। बावजूद इसके अतिक्रमण नहीं हटाए जाने पर उप जिलाधिकारी दिव्या ओझा ने नायब तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम गठित कर बुलडोजर लगाकर अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया। राजस्व टीम पुलिस फोर्स व बुलडोजर के साथ गांव में पहुंची।
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राजस्व विभाग के अभिलेख में गांव स्थित आराजी नंबर 31 पर नाली व आराजी नंबर 149 पर सार्वजनिक रास्ता दर्ज होने पर पुन:जमीन की नापी की गई। नापी के दौरान अतिक्रमणकारियों को शीघ्र अतिक्रमण हटा लिए जाने का समय दिया गया। निर्धारित समय के भीतर अतिक्रमण नहीं हटने पर नायब तहसीलदार के निर्देश पर बुलडोजर गरज पड़ा। देखते ही देखते पक्का मकान, गौशाला आदि जमींदोज कर दिया गया। तहसील प्रशासन की कार्रवाई देख सरकारी संपत्ति पर अतिक्रमण किए लोगों में खलबली मच गई है।