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धर्मगुरुओं ने डीएम के फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह जीत हमारे जिले के लोगों की जीत है। डीएम के साथ तकरीबन 45 मिनट तक धर्म गुरुओं की वार्तालाप चली इस मीटिंग में पुलिस अधीक्षक शगुन गौतम अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह अपर जिलाधिकारी जगदंबा प्रसाद समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।जानिए क्या है पूरा मामला पिछले 30 नवंबर 2020 की अर्ली मॉर्निंग को रामपुर जिलाधिकारी के आदेश पर उधान विभाग की जमीन पर बने एक कथित मजार को नगरपालिका की टीम ने ध्वस्त करके उस मजार के मलबा भी उठा लिया था। नगरपालिका की इस कार्यवाही से एक समुदाय के लोगों में रोष था जिसको लेकर एक समुदाय के लोगों ने जिले की जामा मस्जिद में बैठक की और जिला प्रशासन को अल्टीमेटम दिया कि 3 दिन के अंदर तोड़ा हुआ मजार बनवाएं। जिसको लेकर डीएम ने भी अपनी तरफ से उनको यह संदेश दे दिया कि अगर कोई मजार के दस्तावेज मेरे कार्यालय में आकर दिखाएगा तो मैं स्वयं अपनी सैलरी की रकम से मजार बनवा दूंगा। आज इसी क्रम में एक समुदाय के लोग जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां पर धर्म गुरुओं से रामपुर जिला अधिकारी समेत अन्य अधिकारियों ने वार्तालाप की और उसी वार्तालाप में यह हाल आज उन्होंने निकाल दिया।
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रामपुर जिला अधिकारी आञ्जनेय कुमार सिंह ने मीडिया को बताया कि एक समुदाय के लोगों का सम्मान रखते हुए मैंने स्वयं यह फैसला लिया है कि मैं स्वयं अपनी रकम से अपनी सैलरी के पैसों से एक चबूतरा बनवाऊंगा जिस पर किसी तरह की की कोई क्रियाएं नहीं होंगी। यानी कि वहां पर किसी भी समाज का कोई आदमी श्रद्धा आस्था से वहां पर कोई क्रिया नहीं कर सकेगा।इमाम समेत अन्य मौलानाओं ने भी डीएम के इस फैसले का स्वागत किया है।