दरअसल रामपुर ( rampur ) में पूर्व की सपा सरकार में आजम खान ( azam khan ) को आवंटित किए गए, दो बड़े भवनों की लीज ( lease ) कैंसिल करने का निर्णय लिया है। यह दो बड़े भवन मदरसा आलिया और मुर्तुजा स्कूल ( Murtaza School ) के भवन थे, जिन्हें जौहर ट्रस्ट को लीज पर दे दिया गया था और इनमें रामपुर पब्लिक स्कूल ( Rampur public school ) और आजम खान की राजनीतिक गतिविधियां संचालित की जा रही थी। यह भवन कभी एक सरकारी स्कूल मुर्तुजा स्कूल का भवन था। इसमें जिला विद्यालय निरीक्षक और बीएसए के कार्यालय स्थापित थे, लेकिन इस भवन को जौहर ट्रस्ट के नाम लीज पर दे दिया गया था।
मामले पर जिलाधिकारी अंजय कुमार ने बताया कि जिन शर्तों के साथ इमारतों को लीज पर लिया गया था, उनमें कई खामियां पाई गईं। जहां मुर्तुजा स्कूल में आज़म ख़ान ने एक हिस्से में रामपुर पब्लिक स्कूल और दूसरे में समाजवादी पार्टी का दफ़्तर बनाया है, जो कि लीज़ की शर्तों के खिलाफ है। इसी तरह रामपुर का मदरसा आलिया 150 साल पुराना मदरसा था। इसे कभी इजिप्ट की अल अज़हर यूनिवर्सिटी से मान्यता थी। इसके एक हिस्से में एक यूनानी अस्पताल था। जिलाधिकारी ने बताया कि आज़म ख़ान ने उसे बंद करा दिया। कई और मामले को लेकर जांच की गई और जांच के दौरान दो बरामदे उनसे पिछले 3 महीने पहले खाली कराए थे।
गौरतलब हो कि समाजवादी सरकार ( samajwadi government ) में कैबिनेट मिनिस्टर ( cabinet minister ) रहे मोहम्मद आजम खान की नजर बिल्डिंग पर पड़ गई और उन्होंने सरकारी पैसे से उस बिल्डिंग को ठीक कराया। बाद में आजम खान ने सपा सरकार के दौरान ही बिल्डिंग को 99 साल के पट्टे पर लीज पर ले लिया। लेकिन जांच के बाद खुलासा हुआ है उससे उसने आजम खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जिलाधिकारी ( rampur dm ) के मुताबिक उस समय के अगर प्रिंसिपल का लेटर देखें तो प्रिंसिपल ने कई बार इस बात का उल्लेख किया है कि तालाबंदी की वजह से विद्यार्थी वहां पढ़ने नहीं जा पा रहे हैं। मामले जब जांच पड़ताल कराई गई। जिसमें कई खामिया पाई गई और उन्हीं नियमों की अनदेखी को लेकर रामपुर के जिला अधिकारी ने पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी है और सरकार से इनकी लीज़ रद्द करने की सिफारिश की है।
ओरिएंटल कॉलेज की बिल्डिंग का इतिहास डेढ़ सौ साल पुराना है। करीब डेढ़ सौ साल पहले ही ये बिल्डिंग बनी थी और उसी दौरान यहां पर मदरसा आलिया जिसे ओरिएंटल कॉलेज कहते हैं चलता था। इस कॉलेज में पढ़ने के लिए हिंदुस्तान के अगल-अगल कोने से छात्र-छात्राएं आते थे। इस कॉलेज में अरबी, फारसी, उर्दू ,अंग्रेजी, विज्ञान,संस्कृत, और हिंदी की शिक्षा दी जाती थी। यह कॉलेज विश्वभर में प्रसिद्ध था, या यूं कहें एशिया का सुप्रसिद्ध कालेज था। लेकिन जैसे-जैसे वक्त बीतता गया वैसे-वैसे बिल्डिंग जर्जर होने लगी। छात्र-छात्राओं की संख्या भी कम होने लगी। एक दिन यह स्थिति हो गई कि यहां पर छात्र कम और प्रोफेसर ज्यादा।
आपको बता दें कि भवन सरकारी है पर यहां पर समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान का निजी स्कूल चलता है। जिसका नाम आरपीएस पब्लिक स्कूल है और पूरी की पूरी इमारत अब आरपीएस पब्लिक स्कूल के लिए जानी जाती है। लेकिन 3 महीने पहले रामपुर जिलाधिकारी ने सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम को भेजकर और वहां पर यूनानी दवाखाना खुलवा दिया कुछ हिस्से में यूनानी दवाखाना चलता है जबकि ज्यादातर इमारत में आरपीएस पब्लिक स्कूल चलता है आरपीएस पब्लिक स्कूल आजम खान का निजी संस्थान है।