यह भी पढ़ें- सपा सरकार में जो काम 100-500 रुपए में होते थे अब 50 हजार लेता है दारोगा : शिवपाल उल्लेखनीय है कि लंबे समय से सांसद आजम खान पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम खान के साथ कई महीनों से जेल में बंद हैं। अब्दुल्लाह आजम की विधायकी रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश को लेकर भी उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। जनवरी 2020 में ही अब्दुल्लाह आजम को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिल सकी थी। सुप्रीम कोर्ट ने उनके निर्वाचन रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में यह कहते हुए अब्दुल्लाह आजम की विधायकी रद्द की थी कि 2017 में उनकी उम्र चुनाव लड़ने लायक नहीं थी।
बता दें कि हाईकोर्ट ने सांसद आजम खान के विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम की विधायकी 25 साल से कम उम्र होने के चलते रद्द की थी। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अब्दुल्लाह आजम ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी। बसपा के प्रत्याशी रहे नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां ने अब्दुल्लाह के चुनाव के खिलाफ अर्जी दाखिल की थी। नवेद मियां याचिका में अब्दुल्लाह पर फर्जी दस्तावेजों के जरिये चुनाव लड़ने के आरोप लगाए थे। नवेद मियां के अनुसार, जन्म के दो दस्तावेज हैं, जिनमें याचिकाकर्ता को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है।