यह भी पढ़े – पिटबुल के बाद रोट विलर का आतंक, युवक को ऐसे काटा की करनी पड़ी सर्जरी पुलिस को लिफ्ट के नीचे से बरामद हुई किताबें बताया जाता है कि जो किताबें बरामद की गई हैं, उन्हें मदरसा आलिया लाइब्रेरी से चोरी किया गया था। इस मामले में 2019 में एफआईआर भी दर्ज की गई थी। पुलिस का कहना है कि 2019 में चोरी का एक मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें 7 अभियुक्त जेल गए, जबकि 2500 किताबें बरामद हो गई थी। बाकी 7000 किताबें बची हुई थी। ये किताबें अनवर और सालिम की निशानदेही पर यूनिवर्सिटी में लिफ्ट के नीचे से बरामद की गई है। बता दें कि मदरसा आलिया लाइब्रेरी की स्थापना 1774 में नवाब रामपुर ने की थी। इस मदरसे को राजकीय ओरेंटल कॉलेज के नाम से भी जाना जाता था। वहीं अब किताबों की बरामदगी के बाद पुलिस दोनों आरोपियों अनवर और सालिम की रिमांड और बढ़ाने के लिए एक बार फिर से न्यायालय का रुख कर रही है।
यह भी पढ़े – मदरसों के बाद वक्फ संपत्तियों की कुंडली खंगालने की तैयारी में योगी सरकार, निर्देश जारी यूनिवर्सिटी प्रशासन की शह मिलने की बात स्वीकारी रामपुर पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन की शह मिलने पर किताबों को चुराने की बात स्वीकारी है। उन्हीं की शह पर इन किताबों को छिपाया गया था, जो उस समय कर्मचारी थे। पुलिस ने कहा कि वे सब मुल्जिम बनेंगे, इनकी पीसीआर अप्लाई कर रहे हैं। इसके बाद पीसीआर पर लेकर और चीजें बरामद करेंगे। वहीं इस मामले पर मदरसा आलिया के प्रधानाचार्य जुबैर अहमद ने कहा कि 2016 में ओरिएंटल कॉलेज की बिल्डिंग पर मंत्री द्वारा कब्जा कर लिया गया। फिर उसकों ट्रस्ट के नाम कराया। उस मामले में 2019 में एफआईआर दर्ज हुई जिसमें करीब 2500 किताबें बरामद की गई थी। बाकी बची हुई किताबें आज बरामद हुई हैं।