इस साल फरवरी में हुई थी सजा
इस साल 13 फरवरी को मुरादाबाद की एक अदालत ने अब्दुल्ला को 2008 में धरना देने के एक मामले में दोषी ठहराया। इसके बाद सत्र न्यायालय ने सजा पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी। अब्दुल्ला 17 मार्च को हाईकोर्ट पहुंचे। हाईकोर्ट ने मामले को 3 सप्ताह के बाद सुनवाई के लिए तारीख दी। इस बीच स्वार सीट पर उपचुनाव की घोषणा हो गई।
अब्दुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देते हुए कहा कि 3 हफ्ते बादज जब हाईकोर्ट सुनवाई करेगा तो चुनाव हो चुका होगा। ऐसे में उनकी अर्जी का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट से तुरंत उनकी अर्जी सुनने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से अब्दुल्ला को राहत मिलने की उम्मीदें बढ़ गई हैं।