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जहां पर सरकार, वहां पर अपार आईडी में नहीं पड़ रही पार, जयपुर पिछड़ा, प्रदेश में राजसमंद छठे पायदान पर

आधार कार्ड की तरह अब हर छात्र का 12 अंकों का अपार कार्ड (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक एकाउंट रजिस्ट्री) बनाने का काम जारी है, लेकिन प्रदेश के कई जिलों की िस्थति बेहद नाजुक है।

राजसमंदJan 05, 2025 / 06:03 pm

Madhusudan Sharma

मधुसूदन शर्मा
राजसमंद. आधार कार्ड की तरह अब हर छात्र का 12 अंकों का अपार कार्ड (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक एकाउंट रजिस्ट्री) बनाने का काम जारी है, लेकिन प्रदेश के कई जिलों की िस्थति बेहद नाजुक है। हालात तो ऐसे हैं कि जहां पर सरकार काम कर रही है। वही क्षेत्र अपार आईडी बनाने में सबसे पीछे हैं। इनमें जयपुर शहर 48वें, कोटपूतली-बहरोड़ 49 वें और जयपुर ग्रामीण 50वें नंबर पर है। जयपुर में 41.44, कोटपूतली-बहरोड़ 40.19 और जयपुर ग्रामीण में 40.15 प्रतिशत ही काम हो पाया है। जबकि राजसमंद जिला आईडी बनाने में 60 प्रतिशत से अधिक काम कर प्रदेश में छठे पायदान पर आ गया है। जबकि पहले पायदान पर ब्यावर जिला है। जहां पर 67.62 प्रतिशत अपार आईडी जनरेट कर दी गई है। जानकारी के अनुसार अपार आईडी विद्यार्थियों की शैक्षिक परिलब्धियों सहित अन्य रिकॉर्ड का विवरण है। वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी के तौर पर इसका उपयोग किया जा सकेगा। यह कार्ड बेसिक से लेकर माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए बनाया जाना है। शिक्षा निदेशक के अनुसार सभी जिला व ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को ये कार्ड बनाने के निर्देश हैं। ये ऐसी प्रणाली है, जिसमें छात्रों के लिए 12 अंकों का यूनिक नंबर जारी किया जाएगा। इसकी मदद से भविष्य में उनकी शैक्षिक प्रगति व उपलब्धि की ट्रैकिंग की जा सकेगी। वर्तमान में 50 जिलों के हिसाब से अपार आईडी में काम किया जा रहा है।

कार्ड की मदद से मिलेगा ये लाभ

यह एक 12 अंकों का यूनिक नंबर होगा। यह वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी के तौर पर काम करेगा। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का ही हिस्सा है। सहमति पत्र के बाद यू डायस पोर्टल पर अपार मॉड्यूल में छात्र को दिए फॉर्म को भरना होगा। अपार कार्ड के लिए विद्यार्थी के नाबालिग होने पर अभिभावक से सहमति पत्र लेना होगा। कार्ड की मदद से छात्रों की शैक्षिक प्रगति और उपलब्धि की ट्रैकिंग होगी। यह कार्ड बेसिक से लेकर माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए बनाया जा रहा है।

बंद होगा फर्जीवाड़ा

पूरा रेकॉर्ड अपार आईडी में होने से फर्जीवाड़े की संभावनाएं बंद हो जाएंगी। लोग अब चाह कर भी फर्जी दस्तावेज नहीं बनवा पाएंगे। इससे पारदर्शिता आएगी। कई बार लोग नौकरी पाने के लिए फर्जी दस्तावेज बनवाकर नौकरी प्राप्त कर लेते हैं। ऐसे में योग्य उम्मीदवार रोजगार से वंचित रह जाते हैं। APAAR ID के जरिए नियोक्ता एक क्लिक में उम्मीदवार की सारी जानकारी देख सकेंगे और सही उम्मीदवार का चुनाव कर सकेंगे।

अपार आईडी क्या है?

योजना के अनुसार भारत सरकार की ओर से प्रत्येक छात्रों को 12 अंकों का एक यूनिक नंबर जारी किया जाएगा। इस अपार आईडी में छात्रों की पढ़ाई से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध रहेगी। इसमें मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षाओं के परिणाम पीटीएम उपस्थिति सहित अन्य जानकारी भी रहेगी।

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