राजसमंद

इस ऐतिहासिक झील को कब करेंगे खाली आज होगा निर्णय…पढ़े यह है कारण

राजसमंद झील से बायीं और दायीं नहर निकलती है। रबी की फसल की बुवाई और सिंचाई के लिए नहरों को खोला जाएगा। इससे दस हजार हेक्टेयर से अधिक में सिंचाई होगी।

राजसमंदNov 05, 2024 / 11:03 am

himanshu dhawal

राजसमंद झील में भरा पानी।

राजसमंद. राजसमंद झील से निकलने वाली बायीं नहर और दायीं नहर को कब खोला जाए इसका निर्णय मंगलवार को होने वाली जल वितरण समिति की बैठक में लिया जाएगा। सिंचाई विभाग का दावा है कि नहरों को खोलने की पूरी तैयारी है, जबकि आस-पास के गांवों से गुजर रही नहरों की स्थिति खराब है। इसके कारण पानी व्यर्थ बहने की उम्मीद जताई जा रही है।
राजसमंद झील में खारी फीडर और गोमती नदी से पानी की अच्छी आवक होने के कारण झील का जलस्तर करीब 28 फीट है। झील से बायीं और दायीं नहर निकल रही है। इन्हें खोलने पर किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाता है। सिंचाई विभाग का दावा है कि नहरों की मनरेगा के माध्यम से और शहरी सीमा में नगर परिषद के माध्यम से सफाई कराई गई है। जबकि भाणा और एमडी गांव से गुजरने वाली नहरों की स्थिति खराब है। कचरे का ढेर लगा है तो ही कहीं नहर में मिट्टी भरी हुई है। इसके साथ ही कई जगह से नहर क्षतिग्रस्त भी है। इसके कारण फिर पानी व्यर्थ बहने से इंकार नहीं किया जा सकता है। नहरों को खोलने के लिए जल वितरण समिति की बैठक में नहरों को कितनी बार कब-कब खोलना है और झील का जलस्तर कितना रखा जाएगा, इस पर निर्णय लिया जाएगा। इस माह के अंत तक नहरों के खुलने की उम्मीद है।

35 किलोमीटर दूर जाता है पानी

राजसमंद झील से निकलने वाली लेफ्ट कैनाल से फियावड़ी ग्राम पंचायत तक झील का पानी पहुंचता है। इसकी दूरी करीब 35 किलोमीटर है। एक बार नहर को खोलने पर बायीं नहर से 28 दिन और दायीं नहर से 32 दिन पानी दिया जाता है। बड़ी नहरों में कई जगह छोटी-छोटी नहरे भी बनी हुई है।

पिछले साल नहर को खोलने में लगे थे तीन दिन

गत वर्ष 9 नवम्बर को जल वितरण समिति की बैठक में 16 नवम्बर को नहरें खोलने का निर्णय लिया था। दायीं नहर को खोल दिया गया, लेकिन तकनीकी कारणों के चलते बायीं नहर को काफी मशक्कत के बाद 19 नवम्बर को इसे खोला जा सका था। जलचक्की के पास वाली नहर को खोलते ही नहर के अवरूद्ध होने के कारण जलचक्की से लेकर पुराने बस स्टैण्ड तक पानी-पानी भर गया था। इससे हजारों लीटर पानी व्यर्थ बह गया था।

फैक्ट फाइल

  • 28 फीट करीब है राजसमंद झील का वर्तमान जलस्तर
  • 10,611 हेक्टेयर में राजसमंद-नाथद्वारा के 52 गांवों में होती सिंचाई
  • 700 एमसीएफटी पीएचईडी के लिए रखा जाता है रिजर्व
  • 15 से 16 लाख लीटर पानी प्रतिदिन शहर में होता सप्लाई

बैठक में होगा नहरें खोलने का निर्णय, तैयारी पूरी

नहरों को खोलने के लिए बैठक मंगलवार को होगी। उसमें नहरें कब-कब खोलनी है इसका निर्णय लिया जाएगा। नहरों की मनरेगा के माध्यम से सफाई कराई गई है। नहरों की मरम्मत के लिए डीएमएफटी में प्रस्ताव भेजा हुआ है। शहरी क्षेत्र में बनी नहरों की नगर परिषद की ओर से भी सफाई कराई गई है।
प्रतीक चौधरी, एक्सईएन सिंचाई विभाग राजसमंद

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