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सरकार ने रोके 1.35 करोड़ तो ठेकेदार ने कर दिया यह काम…पढ़े पूरा मामला

नगर परिषद : सरकार ने रोके 1.35 करोड़, फिर बनने लगा कचरे का पहाड़
ट्रेचिंग ग्राउण्ड में पिछले दो माह से कचरे का निस्तारण बंद, एकत्र किया जा रहा कचरा
करीब 250 ट्रॉली कम्पोस्ट उठा, लेकिन जमा आरडीएफ बना हुआ गले की फांस

राजसमंदJul 09, 2024 / 11:01 am

himanshu dhawal

राजसमंद ट्रेचिंग ग्राउण्ड में लगा कचरे का ढेर।

राजसमंद. नगर परिषद के ट्रेचिंग ग्राउण्ड में कचरा निस्तारण का काम पिछले दो माह से बंद पड़ा है। इसका मुख्य कारण सरकार की ओर से वीजीएफ के तहत 1.35 करोड़ का भुगतान नहीं किया जाना बताया जा रहा है। इसके कारण ट्रेचिंग ग्राउण्ड पर कचरे के पहाड़ फिर से लगने शुरू हो गए हैं। शहर से प्रतिदिन 25 से 30 टन के बीच कचरा निकलता है।
नगर परिषद की ओर से गुर्जरों के गुढ़ा में ठोस कचरा निस्तारण के लिए ट्रेचिंग ग्राउण्ड का शुभारंभ 15 अक्टूबर 2016 को किया था। इसके बाद सरकार ने ठोस कचरा निस्तारण के लिए 2018 में टेण्डर जारी किया। 2019 में यह ठेका जयपुर की फर्म को दिया गया, लेकिन इसके बाद कोरोना आने के कारण पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इसके पश्चात जनवरी 2021 में जयपुर की फर्म राजसमंद वेस्ट प्राइवेट लिमिटेड को आगामी 20 साल के लिए कचरा निस्तारण का ठेका दिया गया। यह टेण्डर डीएलबी के माध्यम से किया गया। इसकी गाइड लाइन के अनुसार वैल्यू गेप फंडिंग (वीजीएफ) का भुगतान सरकार की ओर से किया जाना है। प्लांट के चालू होने के बाद से अभी तक एक बार भी ठेकेदार को वीजीएफ का भुगतान नहीं होने के कारण फर्म ने दो माह पहले ही कचरे का निस्तारण करना बंद कर दिया है। इसके कारण फिर से कचरे का अम्बार लगने लग गया है। उल्लेखनीय है कि फरवरी माह में कचरा निस्तारण की मशीन की मोटरें चोरी होने के कारण करीब 15 दिन तक कचरा निस्तारण का काम बंद पड़ा रहा था। वहीं अभी तक पुराने कचरे का भी पूरी तरह से निस्तारण नहीं हो पाया है।

यह होता है वीजीएफ

कचरा निस्तारण का ठेका स्वायत्त शासन विभाग के माध्यम से किया गया था। इसमें वीजीएफ का भुगतान सरकार के माध्यम से किया जाना है। किसी भी प्रोजेक्ट में लगने वाली लागत में से उस प्रोजेक्ट से होने वाली आय को घटाने पर जो राशि बचती है जो संवेदक को दी जाती है उसे वैल्यू गेप फंडिंग (वीजीएफ) करते हैं। इसके तहत प्रथम किश्त के रूप में करीब 1.35 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाना है, जो सरकार ने अब तक नहीं किया है। इसके लिए नगर परिषद की ओर से कई बार पत्र भी लिखे जा चुके हैं।

प्रतिदिन निकलता 25 से 30 टन कचरा

नगर परिषद की ओर से घर-घर कचरा संग्रहण कर उसे ट्रेचिंग ग्राउण्ड भेजा जाता है। वहां पर गीले कचरे से कम्पोस्ट खाद और पॉलीथिन आदि से आरडीएफ बनता है। आरडीएफ को सीमेंट कम्पनियों को भेजा जाना है, लेकिन सीमेंट कम्पनियों के रूचि नहीं दिखाने के कारण टे्रेचिंग ग्राउण्ड में आरडीएफ का अम्बार लग गया है। कम्पोस्ट खाद के लिए 250 रुपए प्रति ट्रॉली से ठेका करने के कारण करीब 200 ट्रॉली उठ गया है, जबकि 500-600 ट्रॉली कम्पोस्ट अभी भी वहां पर पड़ा हुआ है।

कर्मचारी नहीं दे रहे ध्यान, रोड पर फैल रहा कचरा

कचरा निस्तारण फर्म के कर्मचारियों की लापरवाही और अनदेखी के कारण ट्रेचिंग ग्राउण्ड के बाहर दोनों और फिर से कचरे के ढेर लग गए हैं। फर्म के कर्मचारी का कहना है कि स्थानीय लोगों ने कचरा डाला है, जबकि कचरे को देखकर स्वयं अंदाजा लगाया जा सकता है कि नगर परिषद के कर्मचारी अथवा ठेकेदार के कर्मचारी ही रोड पर कचरा डालकर गए हैं। इसके बावजूद इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

भुगतान का कर रहे प्रयास, जल्द होगा काम शुरू

वीजीएफ के तहत मिलने वाली प्रथम किश्त का भुगतान नहीं होने के कारण ठेकेदार ने कचरा निस्तारण का काम बंद कर रखा है। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं, जल्द ही कचरे के निस्तारण का काम शुरू हो जाएगा।
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