ऑनलाइन एप से नहीं मिलती सही जानकारी
जानकारों के अनुसार तापमान और मौसम संबंधी जानकारी के लिए भारत सरकार के मेघदूत एप से जानकारी लेने की बात कही जाती है, लेकिन अधिकांश बार इसके डाटा और वर्तमान परिस्थितियों में काफी अंतर दिखाई देता है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि ऑनलाइन एप से मिलने वाला डाटा पूरी तरह से विश्वसनीय नहीं होता है।
प्रोजेक्ट बंद, वहीं लगे यंत्र
उदयपुर स्थित महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.जगदीश चौधरी ने बताया कि निकरा प्रोजेक्ट के तहत नाकली में छोटी मौसम वेधशाला स्थापित की गई थी, लेकिन प्रोजेक्ट बंद होने से काम बंद कर दिया गया, लेकिन वहां पर लगाए गए यंत्र चालू अवस्था में वहीं पर लगे हुए हैं। सिर्फ उसे संचालित कर जानकारी जुटाई जा सकती है।
केवीके में भरपूर जगह, नहीं लेना चाहते जिम्मेदारी
जानकारों की मानें तो अधिकांश जिलों में कृषि विज्ञान केन्द्र में मौसम वेधशाला (तापमापी यंत्र) बनी हुई है, वहां से ही मौसम संबंधी जानकारी मिलती है। यहां पर मौसम विभाग का दफ्तर भी नहीं है। ऐसे में केवीके में तामपान मापी यंत्र लगाया जा सकता है। वहां से मौसम संबंधी सटीक जानकारी मिल सकती है। पहले भी नाकली गांव में उक्त यंत्र लगा हुआ था, लेकिन जिला मुख्यालय से करीब 10-15 किलोमीटर की दूरी होने के कारण तापमान में काफी अंतर आता था। ऐसे में केवीके में तापमान मापी यंत्र लगने पर ही जिला मुख्यालय की सटीक जानकारी मिल सकती है और इसके लिए अतिरिक्त भुगतान भी नहीं करना पड़ेगा।
किसान को फंड उपलब्ध कराने के लिए लिखा पत्र
नाकली में एक किसान के खेत में वेधशाला बनी हुई है। इससे उसकी एक बीघा जमीन खराब हो रही है। मौसम संबंधी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए किसान को पांच हजार रुपए प्रतिमाह देने पर वह जानकारी उपलब्ध कराने को तैयार है। इसके लिए जिला कलक्टर से भी निवेदन किया था।