ज्योतिर्विद भरत कुमार खंडेलवाल ने बताया कि 8 मई 2011 से 22 अप्रेल 2023 तक 12 वर्ष में बृहस्पति ने मेष राशि से मीन राशि तक 12 राशियों एवं 27 नक्षत्रों को पार किया। पुन: मेष राशि के अश्विनी नक्षत्र में 22 अप्रेल 23 को प्रात: 5 बजकर 11 मिनट पर प्रवेश होगा। जहां 1 मई 2024 तक मेष राशि में निवास करेंगे। अक्षय तृतीया के दिन सूर्य एवं चंद्रमा अपनी उच्च राशि में होने से अबूझ मुहूर्त माना गया है। बृहस्पति का मेष राशि में प्रवेश इस योग में चार चांद लगा देगा।
बताया कि मंगल की मेष राशि में गुरु के प्रवास से अर्थात शक्ति के साथ बुद्धि , विवेक के समन्वय से सारे संसार में स्वच्छ प्रशासन एवं लोकतंत्र का विस्तार, अधिनायकतंत्रों का लोकतंत्र में विलय, युद्ध के बजाय कूटनीतिक समाधान, विश्व शांति स्थापना के संयुक्त प्रयास होंगे। अर्थव्यवस्था में अनेक सुधार होंगे। आमजन में सुख शांति संपन्नता एवं विश्वास की वृद्धि होगी।
बृहस्पति तारा अस्त रहते राशि परिवर्तन हो रहा है। ऐसे में मांगलिक कार्य बंद रहेंगे। 28 अप्रैल 2023 को गुरु पूर्व दिशा में उदित होगा तथा 01 मई 2023 को गुरु का बाल्यत्व समाप्त होगा। अत: 01 मई 2023 से विवाह इत्यादि अनेक मांगलिक कार्य शुरू होंगे।
बृहस्पति का 12 राशियों पर प्रभाव
मेष राशि- गुरु मेष राशि में रहने से आर्थिक चिंताएं दूर होंगी। किंतु, अज्ञात चिंता एवं भय बना रहेगा। स्वास्थ्य का पाया दुर्बल रह सकता है। पुस्तक, पीली वस्तुएं दान करें।
मेष राशि- गुरु मेष राशि में रहने से आर्थिक चिंताएं दूर होंगी। किंतु, अज्ञात चिंता एवं भय बना रहेगा। स्वास्थ्य का पाया दुर्बल रह सकता है। पुस्तक, पीली वस्तुएं दान करें।
वृषभ राशि- यह वर्ष खर्च एवं भ्रमण का रहेगा। यात्रा पर्यटन भूमि भवन वाहन इत्यादि में खर्च होगा। नियोजन करना एवं चाहकर खर्च करना भावी समय के लिए श्रेष्ठ रहेगा। गुरुवार को कन्या भोजन कराएं।
मिथुन राशि – यह वर्ष सर्वसिद्धिदायक रहेगा। घर में एक से बढ़कर एक आय के स्रोत बढ़ेंगे। सुख, ऐश्वर्य एवं वाहन में वृद्धि होगी। सुखमय दिनचर्या रहेगी। फलदान करें। कर्क राशि- पद, प्रतिष्ठा, कारोबार में विस्तार होगा। शीघ्र कार्य निस्तारण होगा। परिश्रम के फल में वृद्धि होगी। राज्य पक्ष में वर्चस्व बढ़ेगा। यह वर्ष विभिन्न सफलताओं का रहेगा।
सिंह राशि- समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होंगी तथा लिए हुए लक्ष्य पूर्ण होंगे। भाग्योदय होगा। यात्रा योग बनेंगे। प्रसन्न दिनचर्या होगी। फल वितरित करें। कन्या राशि- यह वर्ष संघर्ष एवं बाधाओं का रहेगा। बनते कार्यों में व्यवधान उपस्थित होगा। शारीरिक एवं मानसिक परेशानियां रहेगी। बड़ा लक्ष्य लेने से बचें। गुरु के वैदिक जाप कराएं।
तुला राशि- यह वर्ष सर्वकार्य निस्तारण का वर्ष रहेगा। कामकाज कारोबार में वृद्धि। सुखमय पारिवारिक जीवनचर्या रहेगी। घर में उत्सव एवं मांगलिक कार्य होंगे। साहित्य एवं स्वाध्याय करें। वृश्चिक राशि- यह वर्ष विभिन्न सफलताओं का रहेगा। विभिन्न चुनौतियों का समुचित समाधान होगा। पुराने विवादों का शमन होगा। वस्त्र भोजन का दान करें।
धनु राशि- यह वर्ष मंगलकारी रहे। प्रसन्न दिनचर्या, श्रेष्ठ पारिवारिक मेलजोल, घर में विभिन्न आकस्मिक आय की प्राप्ति। स्वजनों का सुख सहयोग रहेगा। श्रेष्ठ अवसरों की प्राप्ति। गाय को रोटी दान करें। मकर राशि- यह वर्ष चुनौतियों का रहेगा। बनते कार्यों में अवरोध आएंगे। स्वजनों का विरोध बढ़ेगा। क्षमताओं से अधिक लक्ष्य नहीं लें। गुरु के वैदिक जाप करवाएं।
कुंभ राशि- यह वर्ष विजयकारी रहेगा। ईष्ट-मित्रों से सुख सहयोग प्राप्त होगा। अनेक कार्य सिद्ध होंगे। विशिष्टिकरण बढ़ेगा। क्षमताएं बढ़ेगी। चना दाल, गुड़ का दान करें। मीन राशि- आर्थिक संपन्नता समृद्धि का वर्ष रहेगा। कोष संचय बढ़ेगा। चल-अचल संपत्तियों में वृद्धि होगी। पारिवार विस्तार के योग। गुरुवार को कन्या भोजन करवाएं।
संवत् 2080 में निम्न राशियों की कन्याओं के विवाह लग्न होंगे 01 मई 2023 से 01 मई 2024 तक शुद्ध लग्न- मिथुन, सिंह, तुला, धनु, मीन राशि की कन्याओं के वर्षभर शुद्ध एवं श्रेष्ठ लग्न रहेंगे।
पीली पूजा के लग्न- मेष, कर्क, वृश्चिक, कुंभ राशि वाली कन्याओं के पीली पूजा करवाने पर विवाह लग्न हो सकेंगे। अपूज्य विवाह लग्न- वृषभ, कन्या, मकर राशि वाली कन्याओं के गुरु क्रमश: बारवां, आठवां, चौथा होने से वर्षभर विवाह लग्न नहीं होंगे।
मेष राशि के मित्रगृही गुरु होने से पूजा, दान, जप करके अपूज्य होने पर भी तथा 18 वर्ष से अधिक की कन्याओं का विवाह किया जा सकेगा।