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लाल फीते में बंद है श्रीनाथजी की नगरी की यह चीज…पढ़े पूरी खबर जानें क्या है मामला

– आयुर्वेद विभाग ने एक साल पहले किराए की बिल्ंिडग का प्रस्ताव बनाकर भेजा मुख्यालय
– पिछले साल बजट में हॉस्पिटल और कॉलेज की थी घोषणा, निर्माण भी नहीं हुआ शुरू

राजसमंदJul 30, 2024 / 11:31 am

himanshu dhawal

राजसमंद. नाथद्वारा में आयुर्वेद विभाग का 60 बेड का हॉस्पिटल पिछले एक साल से लाल फीते में बंद है। आयुर्वेद विभाग ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के माध्यम से एक किराए की बिल्ंिडग का प्रस्ताव बनवाकर स्वीकृति के लिए की मुख्यालय भेजा है, लेकिन अभी तक इसका कोई अता-पता नहीं है। इसके कारण अब तक हॉस्पिटल भी शुरू नहीं हो सका है। नाथद्वारा में श्रीनाथमंदिर जाने वाले मार्ग पर आयुर्वेद विभाग का 12 बेड का हॉस्पिटल संचालित है। पिछले साल राज्य सरकार ने बजट में आयुर्वेद विभाग के 60 बेड का हॉस्टिपल खोलने की घोषणा की थी। इसके साथ ही इसके बिल्ंिडग निर्माण की भी घोषणा की थी, लेकिन स्थिति यह है कि अभी तक आयुर्वेद विभाग का हॉस्पिटल शुरू नहीं हो सका है। विभाग के अनुसार आयुर्वेद विभाग ने बजट के पश्चात पिछले साल 21 अगस्त 2023 को एक निजी बिल्ंिडग को किराए पर लेने के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से प्रस्ताव बनवाकर मुख्यालय भेजा गया था। उक्त बिल्ंिडग का किराया करीब एक लाख रुपए प्रतिमाह है। उक्त प्रस्ताव को भेजे एक साल से अधिक समय होने के बावजूद अभी तक वहां से स्वीकृति नहीं मिली है। इसके कारण 60 बेड का हॉस्पिटल अभी तक सिर्फ कागजों में ही बंद है।

बजट में 37.60 करोड़ की थी घोषणा

राज्य सरकार ने 2023-24 के बजट में 37.60 करोड़ की लागत से आयुर्वेद योग व प्राकृतिक चिकित्सा एकीकृत महाविद्यालय एवं 60 बेड का हॉस्पिटल खोलने की घोषणा की थी। इसके तहत उपली ओडन में जमीन भी आवंटित की गई। वहां पर 16,36,264 रुपए से आयुर्वेद योग व प्राकृतिक चिकित्सा एकीकृत महाविद्यालय भवन का निर्माण जारी है। शेष राशि से इसके पास ही 60 बेड का हॉस्पिटल भवन बनाया जाना प्रस्तावित है। लेकिन हॉस्पिटल के लिए अभी तक टेण्डर आदि तक नहीं हुए हैं।

40 प्रतिशत बेड भरने रहना आवश्यक

आयुर्वेद जानकारों के अनुसार 60 बेड के हॉस्पिटल में 40 प्रतिशत बेड भरे रहना आवश्यक है। इसके दो साल तक संचालित होने पर केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से स्थापित आयुष शिक्षा नियामक संस्था जैसे आयुष शिक्षा परिषद की टीम निरीक्षण करेगी। वे यहां पर रोगियों को दी जाने वाली सुविधा, बिल्ंिडग भवन, कॉलेज भवन, वहां पर मिलने वाली सुविधाओं की रिपोर्ट सरकार को देगी। दो साल हॉस्पिटल संचालित होने पर ही सरकार की ओर से कॉलेज में बैच शुरू की अनुमति दी जाएगी।

125 नवीन पद किए सृजित, नहीं जताई किसी ने इच्छा

राज्य सरकार ने कॉलेज और हॉस्पिटल के लिए 125 नवीन पद सृजित करने की घोषणा पिछले साल ही कर दी थी। इस पर वर्तमान में कार्यरत आयुर्वेद चिकित्सक जिन्होंने पीजी कर रखी है उनसे प्रपोजल मांगे गए थे, लेकिन किसी भी चिकित्सक ने इसमें रूचि नहीं दिखाई। ऐसे में हॉस्पिटल संचालित करना भी मुश्किल होगा। उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालय पर जिला आयुर्वेद चिकित्सालय में 20 बेड स्वीकृत लेकिन स्टॉफ की कमी के कारण वहां भी डे-केयर सुविधा ही उपलब्ध कराई जा रही है।

मुझे से पहले वाले डीडी ने भेजा था प्रस्ताव

नाथद्वारा में एक बिल्ंिडग को किराए पर लेने का प्रस्ताव सार्वजनिक विभाग के माध्यम से मुख्यालय भेजा गया था, वह मुझ से पहले वाले उपनिदेशक ने पिछले साल भेजा था। नाथद्वारा में वर्तमान में 12 बेड का हॉस्पिटल संचालित हो रहा है।
  • डॉ. मुख्त्यार सिंह, उप निदेशक आयुर्वेद विभाग राजसमंद
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