नवग्रहों का मंत्रिमंडल राजा – मंगल मंत्री- शनि रसद विभाग- सूर्य विद्युत जल कुटीर उद्योग मंत्रालय- शुक्र कृषि एवं वानिकी- शुक्र फल किराणा, व्यापार- गुरु वित्त मंत्रालय- चंद्रमा
रक्षा विभाग- शुक्र ईंधन आवश्यक सामग्री विभाग- मंगल मौसम एवं लोक कल्याण लोक निर्माण विभाग- शुक्र (इस प्रकार का मंत्रिमंडल श्रेष्ठ एवं त्वरित विकास का कारक रहेगा।) वर्ष रक्षा दुर्ग विचार
खंडेलवाल ने बताया कि इस वर्ष सुभिक्ष के लिए दो दुर्ग प्रबल प्रभावी रहेंगे। इस वर्ष सुभिक्ष रहेगा। श्रेष्ठ उत्पादन वितरण की व्यवस्था होगी। आम जनता में हर्ष एवं प्रसन्नता रहेगी और जनता में प्रति व्यक्ति आय एवं संपन्नता बढ़ेगी।
आगामी वर्ष के प्रतिफलों का प्रतिशत वर्षा वृष्टि 25 प्रतिशत अनाज उत्पादन 55 प्रतिशत घास उत्पादन 25 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि 75 प्रतिशत आर्थिक क्षय 75 प्रतिशत विग्रह 55 प्रतिशत
तृष्णा 45 प्रतिशत आलस्य 75 प्रतिशत शांति स्थापना 75 प्रतिशत क्रोध आवेश 65 प्रतिशत लोगों में उत्साह 55 प्रतिशत लोगों में उग्रता 75 प्रतिशत 12 राशियों पर 9 ग्रहों का प्रभाव
मेष : यह वर्ष मंगलकारी रहेगा। विभिन्न आर्थिक सफलताएं। उत्साह एवं मांगलिक कार्य संपन्न होंगे। शत्रु पक्ष का पराभव होगा। चल-अचल संपदा में वृद्धि होगी। वृषभ : यह वर्ष कुछ अज्ञात बाधाएं एवं आशंकाओं का रहे। यद्यपि समस्त कार्य सुचारु रूप से चलेंगे। आय लाभ में उतार-चढ़ाव रहेगा। पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। बाहरी भ्रमण रहेगा।
मिथुन : यह वर्ष दान-पुण्य, यात्रा एवं भ्रमण का रहे। गृह वाहन का विस्तार। विभिन्न उत्सव एवं मांगलिक कार्यों में खर्च रहेगा। उत्साहवर्धन का समय रहे। कर्क : यह वर्ष विभिन्न बधाओं का रहे। विभिन्न आर्थिक रुकावटें रहे। अकारण ही चुनौतियां उपस्थित होवें। आर्थिक दबाव बढ़ता जाए। ऋणग्रस्त हों। दान पुण्य करें।
सिंह : यह वर्ष स्थान परिवर्तन का रहे। विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना। मन एवं आत्मा में अशांति रहे। निवास अथवा वृत्तिका में स्थान परिवर्तन होगा। पद पदोन्नतियों के प्रबल योग। कन्या : यह वर्ष समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति का रहेगा। आपके द्वारा लिए गए समस्त लक्ष्य पूरे होंगे। ईश्वरी कृपा बनी रहेगी। उत्सव में मांगलिक कार्य होंगे। भाग्य वृद्धि होगी।
तुला : यह वर्ष संघर्षकारी रहे कार्य निस्तारण में बाधाएं। घरेलू वातावरण विषम रहे। बनते कार्यों में बाधाएं। स्वास्थ्य का पाया दुर्बल रह सकता है। नियमित संकट मोचन का पाठ करें। वृश्चिक : यह वर्ष श्रेष्ठ कार्यसिद्धि का रहे। असंभव कार्य भी संभव होंगे। श्रेष्ठ पारिवारिक मेलजोल रहेगा। कारोबार में अपार सफलताएं प्राप्त हों। सुख सुविधाओं का विस्तार।
धनु : यह वर्ष विभिन्न चुनौतियों से सफलता प्राप्त करने का रहे। मन, आत्मा अशांत रहे। स्थान परिवर्तन की प्रबल योग बने। कार्यदक्षता एवं कार्य क्षमता में वृद्धि हों। मकर : सर्व मनोकामना सिद्धि का वर्ष रहे। लिए गए समस्त लक्ष्य पूरे होंगे। ईश्वरीय कृपा दृष्टि होती रहेगी। चल-अचल संपत्तियों में विस्तार होगा।
कुम्भ : यह वर्ष विभिन्न रूकावटों एवं बाधाओं का रहे। एक न एक समस्या बनी रहे। कार्य निस्तारण में विघ्न, नस नाडिय़ों में खिंचाव, आलस्य, प्रमाद रहे। नियमित शिवार्चना करें। मीन : यह वर्ष स्वास्थ्य एवं आर्थिक पक्ष के लिए कमजोर रहे। आर्थिक बाधाएं एवं रुकावटें। स्वजनों का विरोध। आर्थिक परेशानियां। आय के स्रोतों में रुकावटें महामृत्युंजय जाप करें।