खनन अधिकारियों से करवाई जांच
इस मामले में न्यायाधीश की ओर से मौके पर खनन विभाग के अधिकारियों को बुलाया गया। इसके बाद उनसे न्यायालय में रखे हुए ट्रैक्टर ट्रॉली में भरी बजरी की जांच करवाई गई। इसके साथ ही खनन विभाग को उक्त जांच के बारे में रिपोर्ट तैयार कर अदालत में पेश करने के आदेश दिए गए।
बार एसोसिएशन ने लिया निंदा प्रस्ताव
थानाधिकारी की ओर से न्यायालय परिसर में की गई अवमानन के खिलाफ बार एसोसिएशन आमेट के अध्यक्ष प्रमोद कुमार लखारा के सान्निध्य में एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता गिरीश चंद्र पुरोहित, मुकेश देवपुरा, प्रहलाद सिंह चुंडावत, प्रदीप सिंह राठौड़, समुन्दर सिंह चूंडावत, किशनलाल शर्मा,धर्मेश शर्मा, मोहम्मद नूर, डालचंद जाट, मनोहर लाल खटीक, प्रफुल्ल शर्मा, सत्यनारायण व्यास, करणसिंह भाटी, विनोद मेवाड़ा, प्रभु प्रकाश सिंह पंवार आदि अधिवक्ताओं ने जिला एवं सेशन न्यायाधीश राजसमन्द के नाम थाना अधिकारी सुरेंद्र सिंह के खिलाफ एक निंदा प्रस्ताव पास किया गया। प्रस्ताव में बताया गया कि 3 दिसंबर 2024 को आमेट थाना अधिकारी की ओर से न्यायालय सिविल जज एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट में एक बजरी प्रकरण के दौरान थानाधिकारी की ओर से अशोभनीय व्यवहार किया गया, जिससे न्यायालय की गरिमा को ठेस पहुंची है।थानाअधिकारी ने अशोभनीय टिप्पणी और अशोभनीय व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ताओं तथा पक्षकारों के सामने किया।इसको लेकर एसोसिएशन की ओर से आमेट थानाधिकारी शेखावत के कार्य के लिए निंदा प्रस्ताव पास किया गया। साथ ही इस बारे में मुख्य न्यायाधीश व सम्बंधित न्यायालय, राजस्थान पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की रिपोर्ट भेजी गई।