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जब्त बजरी को बताया मिट्टी, अदालत ने थानाधिकारी को तलब कर लगाई फटकार…पढ़े पूरा मामला

आमेट थाना पुलिस की ओर से एक ट्रेक्टर को जब्त किया, ट्रेक्टर में बजरी भरी हुई थी, लेकिन पुलिस ने उसे मिट्टी बताकर आठ हजार का चालान बना दिया। न्यायालय को गुमराह करने पर न्यायाधीश ने जमकर फटकार लगाई और खनन विभाग को बुलाकर जांच कराई। कार्रवाई के दौरान थानाधिकारी को वहीं रोके रखा गया।

राजसमंदDec 05, 2024 / 10:53 am

himanshu dhawal

आमेट. स्थानीय सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय परिसर में मंगलवार को आमेट थाना की ओर से अवैध रूप से बजरी खनन मामले में कोर्ट को गुमराह करने तथा सही तथ्य पेश नहीं करने पर न्यायाधीश ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए पुलिस की ओर से जब्त ट्रैक्टर ट्रोली को न्यायालय परिसर में मंगवाकर जब्त की गई बजरी के बारे में जानकारी प्राप्त की। अदालती सूत्रों के अनुसार आमेट पुलिस की ओर से 2 दिन पूर्व अवैध रूप से बजरी खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए बजरी से भरे एक ट्रैक्टर ट्रोली को जब्त किया गया था। ट्रॉली में भरी बजरी को पुलिस ने बाद में मिट्टी बताकर कोर्ट में जांच रिपोर्ट पेश की गई। लेकिन, पुलिस ने इस मामले न्यायालय में ट्रैक्टर ट्रॉली की कोई फोटोग्राफ या वीडियोग्राफी या अन्य कोई भी साक्ष्य पेश नहीं किए गए। इस पर न्यायालय ने उक्त मामले में आमेट थानाधिकारी सुरेंद्रसिंह शक्तावत को तलब किया। न्यायालय की ओर से थानाधिकारी को तीन बार तलब करने के बावजूद थाना अधिकारी सुरेंद्र सिंह अदालत में पेश नहीं हुए। समय निकल जाने के बाद थाना अधिकारी द्वारा न्यायालय में पेश होकर न्यायाधीश के समक्ष ही उक्त मामले में अशोभनीय व्यवहार करने तथा ट्रैक्टर ट्रॉली के मामले में सही तरह से जांच नहीं करने की बात सामने आई। इससे नाराज न्यायाधीश विजय टॉक ने स्वत: संज्ञान लेते हुए पुलिस की ओर से जब्त किए गए बजरी के ट्रैक्टर ट्रॉली को न्यायालय परिसर में लाने के आदेश दिएव्। वहीं, न्यायाधीश की ओर से इस मामले में थाना अधिकारी को फटकार लगाई तथा जांच होने तक थाना अधिकारी को न्यायालय परिसर में रोका गया।

खनन अधिकारियों से करवाई जांच

इस मामले में न्यायाधीश की ओर से मौके पर खनन विभाग के अधिकारियों को बुलाया गया। इसके बाद उनसे न्यायालय में रखे हुए ट्रैक्टर ट्रॉली में भरी बजरी की जांच करवाई गई। इसके साथ ही खनन विभाग को उक्त जांच के बारे में रिपोर्ट तैयार कर अदालत में पेश करने के आदेश दिए गए।

बार एसोसिएशन ने लिया निंदा प्रस्ताव

थानाधिकारी की ओर से न्यायालय परिसर में की गई अवमानन के खिलाफ बार एसोसिएशन आमेट के अध्यक्ष प्रमोद कुमार लखारा के सान्निध्य में एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता गिरीश चंद्र पुरोहित, मुकेश देवपुरा, प्रहलाद सिंह चुंडावत, प्रदीप सिंह राठौड़, समुन्दर सिंह चूंडावत, किशनलाल शर्मा,धर्मेश शर्मा, मोहम्मद नूर, डालचंद जाट, मनोहर लाल खटीक, प्रफुल्ल शर्मा, सत्यनारायण व्यास, करणसिंह भाटी, विनोद मेवाड़ा, प्रभु प्रकाश सिंह पंवार आदि अधिवक्ताओं ने जिला एवं सेशन न्यायाधीश राजसमन्द के नाम थाना अधिकारी सुरेंद्र सिंह के खिलाफ एक निंदा प्रस्ताव पास किया गया। प्रस्ताव में बताया गया कि 3 दिसंबर 2024 को आमेट थाना अधिकारी की ओर से न्यायालय सिविल जज एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट में एक बजरी प्रकरण के दौरान थानाधिकारी की ओर से अशोभनीय व्यवहार किया गया, जिससे न्यायालय की गरिमा को ठेस पहुंची है।थानाअधिकारी ने अशोभनीय टिप्पणी और अशोभनीय व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ताओं तथा पक्षकारों के सामने किया।इसको लेकर एसोसिएशन की ओर से आमेट थानाधिकारी शेखावत के कार्य के लिए निंदा प्रस्ताव पास किया गया। साथ ही इस बारे में मुख्य न्यायाधीश व सम्बंधित न्यायालय, राजस्थान पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की रिपोर्ट भेजी गई।

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