राजसमंद

नया तहसील भवन बनकर तैयार, अब सडक़ बनाने की नहीं मिल रही जगह

खमनोर में नया तहसील भवन बनकर तैयार हो गया है, लेकिन राजस्व रिकार्ड में रास्ता नहीं होने के कारण अब सडक़ बनाने की जगह नहीं मिल रही है। इसके कारण स्थिति विकट हो गई है।

राजसमंदNov 07, 2024 / 10:47 am

himanshu dhawal

खमनोर में नवनिर्मित तहसील भवन

खमनोर. वर्ष 2013 में क्रमोन्नत खमनोर तहसील का नया भवन वर्ष 2024 में बनकर तैयार हो चुका हैं, लेकिन तहसील भवन को जोडऩे वाला रास्ता अब तक राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज ही नहीं है। सार्वजनिक निर्माण विभाग तहसील भवन तक जाने के लिए सडक़ बनाने को तैयार है, लेकिन उसकी परेशानी यह है कि रिकॉर्डेड रास्ते के बिना वह सडक़ बनाए भी तो कहां। खमनोर की आबादी से दूर एकांत में बने इस तहसील भवन में रिकॉर्डेड रास्ते का पेच फंसा हुआ है। करीब एक दशक तक तो नए तहसील भवन की कार्ययोजना ही नहीं बनी और मामला ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। अब 10 वर्षों के लंबे इंतजार और आपाधापी में तहसील की भूमि और भवन की व्यवस्था हो गई तो रास्ते को लेकर मामला अटक गया है। जहां, तहसील भवन बनाया गया है, वहां तक पहुंचने के लिए राजस्व रिकॉर्ड में सार्वजनिक रास्ता ही नहीं है। तहसील भवन के निर्माण के दौरान सामग्री पहुंचाने के लिए संसाधनों को ले जाने के लिए जो रास्ता पहाड़ी भूमि को काटकर बनाया गया, दरअसल वह राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है। रिकॉर्डेड रास्ता और सुगम सडक़ नहीं होने के कारण तहसील कार्यालय के राजस्व अभिलेखों का सारा रिकॉर्ड और नियमित कामकाज पुराने भवन से नए में शिफ्ट भी नहीं हो पा रहा है। जब तक रास्ते का पेच नहीं सुलझेगा और सडक़ नहीं बनेगी, तब तक पथरीला और उबड़-खाबड़ रास्ता आमजन के लिए परेशानी का कारण बना रहेगा। चर्चा है कि इसलिए फिलहाल तहसील कार्यालय स्थानांतरित भी नहीं किया जा रहा है। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने भी बिना राजस्व रिकॉर्ड में रास्ते की उपलब्धता के सडक़ बनाने से इंकार किया है। पीडब्ल्यूडी अधिकारी का कहना है कि राजस्व रिकॉर्ड में रास्ते की स्थिति स्पष्ट हो जाने पर ही वे सडक़ निर्माण की कार्य योजना तैयार करेंगे।

7 माह पहले सीमांकन चाहा, अब तक नहीं किया

तहसील के रास्ते को लेकर असमंजस की स्थिति हाल-फिलहाल में नहीं पनपी है, बल्कि तहसील के लिए भूमि के निर्धारण और निर्माण शुरू होने के पहले से बनी हुई है। इसी वर्ष मार्च माह तक तहसील भवन में फिनिशिंग वर्क और रंग-रोगन के कार्य छोडकऱ अधिकांश भौतिक निर्माण लगभग पूरा हो चुका था। रास्ते की अस्पष्ट स्थिति को लेकर पत्रिका ने 11 मार्च 2024 को 10 साल बाद मिला तहसील भवन, अब खोज रहे हैं रास्ता, शीर्षक के साथ खबर भी प्रकाशित की थी। पीडब्ल्यूडी ने तब नवनिर्मित भवन तक रास्ते की जानकारी, सीमांकन व आवंटन की स्थिति स्पष्ट कराने के लिए तहसील कार्यालय को पत्र लिखने की बात कही थी। उसके 7 माह बाद भी वही स्थिति बनी हुई है।

पीडब्ल्यूडी ने तहसीलदार को लिखा पत्र

सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता ने 15 दिसंबर 2023 को तहसीलदार को पत्र लिखकर तहसील भवन की संपर्क सडक़ का सीमांकन करवाने को कहा था। उसके बाद 22 अक्टूबर को पुन: पत्र लिखकर भवन हस्तांतरण व रास्ते के सीमांकन की कार्यवाही की बात कही। लेकिन, राजस्व विभाग की ओर से रास्ते के रिकॉर्ड व सीमांकन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई।

कलक्टर कार्यालय से मांगा था रिकॉर्ड

नए तहसील भवन तक पहुंचने के रास्ते को लेकर तहसीलदार ने मार्च माह में कलक्टर को पत्र लिखकर रिकॉर्ड मांगा था। तहसीलदार ने कलक्टर को लिखे पत्र में बताया था कि प्रस्तावित रास्ता पूर्व में संपरिवर्तित आवासीय कॉलोनी में होकर जाता है। तहसीलदार ने आवासीय कॉलोनी परियोजनार्थ रूपांतरण की संपूर्ण पत्रावली मय ले-आउट प्लान मांगी थी।

डेढ़ करोड़ की लागत से बने हैं भवन और आवास

तहसील कार्यालय व तहसीदार के आवास के लिए करीब डेढ़ करोड़ की लागत से तहसील भवन व आवासीय क्वार्टरों का निर्माण किया गया है। खमनोर कस्बे की मुख्य आबादी के बीच तीन-चार कमरों के पुराने भवन में तहसील चल रही है। पुराने भवन में राजस्व रिकॉर्ड संभालकर रखना व कामकाज करना काफी मुश्किल हो रहा है। बारिश में कई बार रिकॉर्ड भीगने और खराब होने के मामले भी हो चुके हैं। कर्मचारियों व आमजन के बैठने, पार्किंग, टॉयलेट, पेयजल जैसी सुविधाएं भी उपयुक्त और पर्याप्त नहीं होने से परेशानी का सामना करना पड़ता है।

रास्ते के सीमांकन के लिए लिखा है पत्र

खमनोर में तहसील कार्यालय के नए भवन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। रास्ते के सीमांकन के बाद ही सडक़ निर्माण किया जा सकेगा। रास्ते के सीमांकन के लिए तहसीलदार को पत्र लिखा हैं।
भानु माथुर, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी नाथद्वारा

मेवाड़ का यह देसी फल बहुत उपयोगी, लेकिन नहीं मिलते इसके दाम…पढ़े यह है कारण

Hindi News / Rajsamand / नया तहसील भवन बनकर तैयार, अब सडक़ बनाने की नहीं मिल रही जगह

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.