महिलाओं का भी अपना जीवन होता है। इस तरह किसी को प्रताडि़त नहीं करना चाहिए। इससे परिवार खराब होते हैं। खासकर परिवार की महिलाओं को आगे चलकर अपने परिवार की महिलाओं को सहयोग करना चाहिए, ताकि परिवार को टूटने से बचाया जा सके। फिर भी यदि कोई महिला कहीं प्रताडि़त हो रही हैं तो वे बेझिझक महिला मंच से सम्पर्क कर सकती हैं। मंच की कोशिश रहेगी कि समझाइश कर मामला सुलझाएं।
– शकुन्तला पामेचा, संयोजिका, राजसमन्द महिला मंच