207 ग्राम पंचायतों में मॉडल आईईसी शौचालय तैयार
राजसमंद जिले में 207 ग्राम पंचायतों में मॉडल आईईसी शौचालय बनकर तैयार हो चुके हैं। इसके अलावा 7 ब्लॉक स्तर पर व एक जिला परिषद में भी ये शौचालय बनाया जाना हैं, जिसमें से छह बनकर तैयार है, जबकि आमेट व देवगढ़ में निर्माण अंतिम चरण में है। ट्विन पिट तकनीक के इन प्रत्येक मॉडल आईईसी शौचालय पर 50 हजार रुपए खर्च करने की योजना है।
राजसमंद जिले में 207 ग्राम पंचायतों में मॉडल आईईसी शौचालय बनकर तैयार हो चुके हैं। इसके अलावा 7 ब्लॉक स्तर पर व एक जिला परिषद में भी ये शौचालय बनाया जाना हैं, जिसमें से छह बनकर तैयार है, जबकि आमेट व देवगढ़ में निर्माण अंतिम चरण में है। ट्विन पिट तकनीक के इन प्रत्येक मॉडल आईईसी शौचालय पर 50 हजार रुपए खर्च करने की योजना है।
सामुदायिक शौचालय
जिले में 207 ग्राम पंचायतों में से 172 की स्वीकृति पहले चरण में मिली, जिसमें से 137 शौचालयों का निर्माण हो चुका है, जबकि 35 का कार्य प्रगति पर है। इन प्रत्येक सामुदायिक शौचालय पर दो लाख रुपए की लागत आएगी। इनका निर्माण ग्राम पंचायतें खुद अपने स्तर पर करवा रही है। शेष 35 शौचालयों के निर्माण की स्वीकृति अब जिला प्रशासन के स्तर पर ही मिल जाएगी, जबकि पहले ये राज्य स्तर से मिलती थी।
जिले में 207 ग्राम पंचायतों में से 172 की स्वीकृति पहले चरण में मिली, जिसमें से 137 शौचालयों का निर्माण हो चुका है, जबकि 35 का कार्य प्रगति पर है। इन प्रत्येक सामुदायिक शौचालय पर दो लाख रुपए की लागत आएगी। इनका निर्माण ग्राम पंचायतें खुद अपने स्तर पर करवा रही है। शेष 35 शौचालयों के निर्माण की स्वीकृति अब जिला प्रशासन के स्तर पर ही मिल जाएगी, जबकि पहले ये राज्य स्तर से मिलती थी।
लॉकडाउन व अनलॉक में मिला रोजगार
स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक नानालाल सालवी ने बताया कि इन शौचालय का निर्माण लॉकडाउन व अनलॉक पीरियड में हो रहा है। ऐसे में करीब पांच हजार से अधिक कुशल व अकुशल श्रमिकों को रोजगार भी मिला है। इन शौचालय पर रंगाई पुताई के बाद प्रेरणादायी संदेश लिखवाए गए हैं, ताकि ग्रामीणों को जागरूक किया जा सके।
स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक नानालाल सालवी ने बताया कि इन शौचालय का निर्माण लॉकडाउन व अनलॉक पीरियड में हो रहा है। ऐसे में करीब पांच हजार से अधिक कुशल व अकुशल श्रमिकों को रोजगार भी मिला है। इन शौचालय पर रंगाई पुताई के बाद प्रेरणादायी संदेश लिखवाए गए हैं, ताकि ग्रामीणों को जागरूक किया जा सके।
नियमित निगरानी व जागरुकता से मिली सफलता
ये सफलता टीम वर्क का नतीजा है। स्वच्छ भारत मिशन बहुत चुनौती भरा काम है। हमारे अधिकारियों व कर्मचारियों ने ग्राम पंचायत स्तर तक नियमित निगरानी रखी। नियमित उपयोगिता प्रमाण-पत्र की जांच व सोशल मीडिया के जरिए रिपोर्ट शेयर करना। खुशी है कि सभी की मेहनत रंग लाई। अभी हमें 65 सामुदायिक शौचालय और बनाने हैं। हमारा प्रयास रहेगा कि हम प्रवासी मजदूरों को भी रोजगार से जोड़ें। जिला कलक्टर का मार्गदर्शन हमारे लिए काफी उपयोगी रहा। साथ ही उम्मीद है हमारी टीम इसी उत्सुकता से काम में जुटी रहेगी, ताकि इस अभियान को सम्पूर्ण सफलता मिले।
– निमिषा गुप्ता, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, राजसमंद
शुरू से अंत तक चौकस रहे
हमने इस अभियान के लिए पहले अच्छे से प्लानिंग की। हर शौचालय पर अलग से प्रभारी बनाकर निविदा से लेकर काम पूरा होने तक पूरी निगरानी रखी। हम पूरे देश में अव्वल हैं और उम्मीद है इससे टीम का जोश भी दुगुना होगा।
– अरविन्द कुमार पोसवाल, जिला कलक्टर, राजसमंद