शहर की तर्ज पर गांव- ढाणी के व्यवस्थित विकास को लेकर अब राजस्थान में हर गांव- ढाणी का भी मास्टर प्लान बनेगा। फिर उसी आधार पर विकास कार्य होंगे। इसको लेकर पंचायतीराज और राजस्व विभाग ने बिजली, पानी, सड़क, नाली, चिकित्सा, शिक्षा, बैंक, खनिज, सिंचाई, पशुधन, चरागाह, उद्योग, बावड़ी, श्मशान तक की उपलब्ध सभी सुविधाओं को सूचीबद्ध करने का कार्य शुरू कर दिया है। फिर वर्तमान आबादी व अगले 30 वर्षों की आबादी को ध्यान में रखते हुए मास्टर प्लान (village master plan yojana) तैयार किया जाएगा, ताकि ग्रामीणों को असुविधा का सामना नहीं करना पड़े। मास्टर प्लान बनने से गांवों के विकास को रफ्तार मिलेगीए साथ ही सुनियोजित ढंग से गांव का विस्तार हो सकेगा।
विलेज मास्टर प्लान योजना के तहत अगले 30 वर्ष यानि 2050 तक की संभावित आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए विभिन्न सामुदायिक व जनोपयोगी कार्य के लिए भूमि चिह्नित कर नजरी नक्शा तैयार करने का कार्य 31 दिसंबर तक पूर्ण करना है। गांव-ढाणी की आबादी, पशुधन, नदी, नाले, तालाब, सिवाय चक भूमि, चरागाह, वन, पहाड़, टीले को भी निर्धारित प्रारुप के अलावा नजरी नक्शे में अंकित किया जाएगा। इसमें मुख्य रूप से गांव- ढाणी का नाम, पंचायत, ब्लॉक व जिला के नाम, वर्ष 2011 की आबादी, 2050 की संभावित पचास फीसदी वृद्धि के साथ आबादी, वर्ष 2012 का पशुधन व 2050 को संभावित 28 फीसदी बढ़कर पशुधन का आंकलन किया जा सकेगा। हर गांव, उस पंचायत व नजदीकी पंचायत में उपलब्ध सुविधा, उसकी दूरी के साथ प्रत्येक गांव-ढाणी में उपलब्ध आधारभूत सुविधाओं की सूची व नजरी नक्शे पर उकेरा जाएगा।
दस बिन्दू में सूचीबद्ध होगी सुविधाएं
शिक्षा : स्कूल, कॉलेज, प्रशिक्षण संस्थान
चिकित्सा : सरकारी- निजी स्वास्थ्य केंद्र व अस्पताल
पशुधन-डेयरी : पशुधन, डेयरी, पशु केंद्र, गोशाला
पेयजल : हैंडपंप, बोरवेल, कुएं, पेयजल टंकी, पाइप लाइन, पेयजल योजना
बिजली : 11 केवी, 33 केवी, 220 व 440 केवी जीएसएस व कुल बिजली कनेक्शन, वंचित परिवार
यातायात/परिवहन : बस स्टैंड, बस सेवा, ऑटो, गांव तक पक्की सड़क (सीसी, डामर), रेलवे स्टेशन, यात्री प्रतिक्षालय या शेड
रिक्रिएशन सुविधाएं : सामुदायिक केंद्र, उद्यान, खेल मैदान, सिनेमा, मिनी सिनेमा
सरकारी दफ्तर : ग्राम पंचायत, पटवार मंडल, आंगनवाड़ी, किसान सेवा केंद्र, डाकघर, पुलिस थाना या चौकी, बैंक भवन, सहकारी समिति, दुग्ध संग्रहण केंद्र, सहकारी गोदाम।
सरकारी आवास : चिकित्सक आवास, एएनएम आवास, पशु चिकित्सक आवास, गिरदावर आवास, पटवारी व
शिक्षा : स्कूल, कॉलेज, प्रशिक्षण संस्थान
चिकित्सा : सरकारी- निजी स्वास्थ्य केंद्र व अस्पताल
पशुधन-डेयरी : पशुधन, डेयरी, पशु केंद्र, गोशाला
पेयजल : हैंडपंप, बोरवेल, कुएं, पेयजल टंकी, पाइप लाइन, पेयजल योजना
बिजली : 11 केवी, 33 केवी, 220 व 440 केवी जीएसएस व कुल बिजली कनेक्शन, वंचित परिवार
यातायात/परिवहन : बस स्टैंड, बस सेवा, ऑटो, गांव तक पक्की सड़क (सीसी, डामर), रेलवे स्टेशन, यात्री प्रतिक्षालय या शेड
रिक्रिएशन सुविधाएं : सामुदायिक केंद्र, उद्यान, खेल मैदान, सिनेमा, मिनी सिनेमा
सरकारी दफ्तर : ग्राम पंचायत, पटवार मंडल, आंगनवाड़ी, किसान सेवा केंद्र, डाकघर, पुलिस थाना या चौकी, बैंक भवन, सहकारी समिति, दुग्ध संग्रहण केंद्र, सहकारी गोदाम।
सरकारी आवास : चिकित्सक आवास, एएनएम आवास, पशु चिकित्सक आवास, गिरदावर आवास, पटवारी व
ग्रामसेवक आवास, अन्य सरकारी आवास।
अन्य सुविधाएं : सामुदायिक शौचालय, श्मशान, कब्रिस्तान, व्यवसाय केंद्र, पशु चरागाह, बावड़ी, जोहड़, सार्वजनिक कुआ, तालाब, एनिकट, खनिज मंडी, लघु उद्योग केंद्र, सिंचाई बांध, टेलीफोन एक्सचेंज, कॉमन सर्विस सेंटर, औद्योगिक इकाई, राजीव गांधी सेवा केंद्र, विलेज हाट, कृषि मंडी/ यार्ड, दूध मंडी, खदानें।
अन्य सुविधाएं : सामुदायिक शौचालय, श्मशान, कब्रिस्तान, व्यवसाय केंद्र, पशु चरागाह, बावड़ी, जोहड़, सार्वजनिक कुआ, तालाब, एनिकट, खनिज मंडी, लघु उद्योग केंद्र, सिंचाई बांध, टेलीफोन एक्सचेंज, कॉमन सर्विस सेंटर, औद्योगिक इकाई, राजीव गांधी सेवा केंद्र, विलेज हाट, कृषि मंडी/ यार्ड, दूध मंडी, खदानें।
गांव और कार्मिकों की स्थिति
114 कुल ग्राम पंचायतें
1010 राजस्व गांव
150 पटवारी (औसत)
150 ग्राम विकास अधिकारी (औसत)
15 पंचायत प्रसार अधिकारी
5 अभियंता/ तकनीकी सहायक
7 पंचायत समितियों के विकास अधिकारी
समग्र विकास ही मुख्य ध्येय
सुनियोजित विकास के लिए हर गांव का मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। इसके लिए प्रत्येक गांव में अभी उपलब्ध स्ट्रक्चर, सुविधाओं को सूचीबद्ध करने का कार्य चल रहा है। इसके लिए पटवारी- ग्राम विकास अधिकारी को प्रशिक्षित कर दिया है। नजरी नक्शे पटवारियों द्वारा तैयार किए जाएंगे। फिर उस मास्टर प्लान के अनुरुप ही गांवों में व्यवस्थित विकास कार्य होंगे।
नीमिषा गुप्ता, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद राजसमंद
सुनियोजित विकास के लिए हर गांव का मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। इसके लिए प्रत्येक गांव में अभी उपलब्ध स्ट्रक्चर, सुविधाओं को सूचीबद्ध करने का कार्य चल रहा है। इसके लिए पटवारी- ग्राम विकास अधिकारी को प्रशिक्षित कर दिया है। नजरी नक्शे पटवारियों द्वारा तैयार किए जाएंगे। फिर उस मास्टर प्लान के अनुरुप ही गांवों में व्यवस्थित विकास कार्य होंगे।
नीमिषा गुप्ता, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद राजसमंद