राजसमंद जिले में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में अध्ययनरत बच्चों को केंद्रों पर ही बना गर्म पोषाहार मिलेगा। पहले सहायिका घर से बनाकर लाती या केंद्र पर चूल्हे आदि पर बनाया जाता था। इससे परेशानी का सामना करना पड़ता था। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किया जाता है। केंद्रों पर 3 से 6 साल तक के बच्चों को प्री-स्कूल एजुकेशन दी जाती है। केंद्रों पर आने वाले बच्चों को पोषाहार उपलब्ध कराया जाता है। इसमें गर्म और सूखा पोषाहार शामिल है। पोषाहार बच्चों की ग्रोथ के लिए फायदेमंद होता है। गर्म पोषाहार सहायिका अपने घर से बनाकर लाती थी, जिसे बच्चों को दोपहर में दिया जाता था। इससे वह ठंडा हो जाता था। ऐसे में सरकार की ओर से प्रत्येक केंद्र पर गैस कनेक्शन के लिए 5300 रुपए दिए गए। इससे अब तक जिले के 1154 केंद्रों पर गैस कनेक्शन लग गए हैं। गैस पर बच्चों के लिए पोषाहार आदि भी बनने लग गया है।
यह दिया जाता पोषाहार
केंद्रों पर आने वाले बच्चों को नाश्ते में सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को मीठा मुरमुरा दिया जाता है। इसी प्रकार मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को नमकीन मुरमुरा दिया जाता है। इसी प्रकार भोजन में सोमवार और गुरुवार को फोर्टिफाइड मूंगदाल, चावल, खिचड़ी, मंगलवार और शुक्रवार को फोर्टिफाइड न्यूट्री मीठा दलिया, बुधवार और शनिवार को फोर्टिफाइड उपमा प्रिमिक्स मीठा-नमकीन दलिया दिया जाता है।
महिला एवं बाल, उप निदेशक, एन.एल.मेघवाल ने कहा, आंगनबाड़ी केन्द्र में अध्यनरत 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को अब केंद्र पर ही गर्म भोजन मिलेगा। प्रत्येक केंद्र को गैस कनेक्शन उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके तहत जिले की 1154 आंगनबाड़ी केंद्रों पर गैस कनेक्शन मिल चुका है। केंद्रों पर गर्म पोषाहार बनना शुरू हो गया है।