यह होती है समस्याएं
– टे्रक्टर बड़ा होने से अंतर सस्य क्रियाएं करते समय पेडों की टहनियां टूटती है।
– ट्रेक्टर में ईंधन का व्यय और रखरखाव का खर्च भी बहुत अधिक होता है।
– टे्रक्टर काफी मंहगा आता है और इस पर सब्सिडी आदि भी नहीं मिलती है।
ई-बुल की विशेषताएं
– एक बार चार्ज होने पर तीन से चार घंटे तक जुताई कर सकते है।
– बैटरी का जीवन काल 3-4 वर्ष का होता है, रख-रखाव भी नगण्य
– ऊंचाई 4 फीट तक होने से फलदार पौधों व संरक्षित खेती के लिए उपयोगी
– स्प्रेगन जोडकऱ अधिक ऊंचाई के फलदार पौधों का संरक्षण का कार्य करता है।
– खरपतवार नियंत्रण, मेड़बंदी और कृषक पंप जोडकऱ फार्म पौंड से पानी निकाल सकता है।
– टे्रक्टर बड़ा होने से अंतर सस्य क्रियाएं करते समय पेडों की टहनियां टूटती है।
– ट्रेक्टर में ईंधन का व्यय और रखरखाव का खर्च भी बहुत अधिक होता है।
– टे्रक्टर काफी मंहगा आता है और इस पर सब्सिडी आदि भी नहीं मिलती है।
ई-बुल की विशेषताएं
– एक बार चार्ज होने पर तीन से चार घंटे तक जुताई कर सकते है।
– बैटरी का जीवन काल 3-4 वर्ष का होता है, रख-रखाव भी नगण्य
– ऊंचाई 4 फीट तक होने से फलदार पौधों व संरक्षित खेती के लिए उपयोगी
– स्प्रेगन जोडकऱ अधिक ऊंचाई के फलदार पौधों का संरक्षण का कार्य करता है।
– खरपतवार नियंत्रण, मेड़बंदी और कृषक पंप जोडकऱ फार्म पौंड से पानी निकाल सकता है।
प्रस्ताव बनाकर भेजा, उद्यान के लिए फायदेमंद
जिले के रेलमगरा और आमेट में सर्वाधिक बगीचे हैं। उद्यानिकी के लिए ई-बुल फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इसके कारण एक प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय को भेजा गया है। इसमें किसानों को ई-बुल 50 प्रतिशत पर अनुदान पर उलब्ध कराने की मांग की है।
– हरिओम सिंह राणा, उप निदेशक कृषि उद्यानिकी विभाग राजसमंद
जिले के रेलमगरा और आमेट में सर्वाधिक बगीचे हैं। उद्यानिकी के लिए ई-बुल फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इसके कारण एक प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय को भेजा गया है। इसमें किसानों को ई-बुल 50 प्रतिशत पर अनुदान पर उलब्ध कराने की मांग की है।
– हरिओम सिंह राणा, उप निदेशक कृषि उद्यानिकी विभाग राजसमंद