सरकार की ओर से पशुपालन को बढ़ावा देने एवं पशुओं की मौत होने पर होने वाले नुकसान की कुछ हद तक भरपाई करने के लिए सरकार की ओर से मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना शुरू की गई है। इसके अन्तर्गत पहले 5-5 लाख दुधारू गाय/भैंस, 5-5 लाख भेड़/बकरी तथा एक लाख उष्ट्रवंशीय पशुओं का बीमा किया जाएगा।
पशु की मृत्यु होने पर बीमा प्रतिनिधि की ओर से सर्वे तथा पशु चिकित्सक की ओर से मृत पशु का पोस्टमॉर्टम परीक्षण कर समस्त प्रक्रिया को निर्धारित सॉफ्टवेयर में इन्द्राज किया जाएगा। बीमा विभाग की ओर से 21 कार्य दिवस के भीतर मृत बीमित पशु की दावा राशि का भुगतान संबंधित पशुपालक को किया जाएगा। इससे पशुपालकों को राहत मिलेगी।
जिले में 10.87 लाख से अधिक पशु, एक वर्ष का होगा पशुओं का बीमा
योजना के तहत लाभ लेने के लिए प्रदेश के सभी जनाधार कार्ड धारक पशुपालक पात्र होंगे। पशुपालकों को बीमा विभाग के सॉटवेयर पर आवेदन करना होगा। अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए क्रमश: 16 और 12 प्रतिशत आरक्षण का भी प्रावधान किया गया है। बीमा के लिए पशुओं की टैगिंग अनिवार्य है। पशुपालक अधिकतम 2 दुधारू पशु गाय, भैंस अथवा दोनो, 10 बकरी,10 भेड़ , एक उष्ट्र वंश पशु का नि:शुल्क बीमा किया जाएगा। यह बीमा उन्हीं पशुओं का होगा जो किसी अन्य योजना के तहत बीमित नहीं होगा।कोई प्रीमियम नहीं देना होगा
बीमा एक वर्ष के लिए किया जाएगा और पशुपालक को इसके लिए कोई प्रीमियम नहीं देना होगा। बीमा राशि का निर्धारण पशु की नस्ल, उम्र व दुग्ध उत्पादन क्षमता के आधार किया जाएगा। लेकिन किसी भी स्थिति में बीमा की अधिकतम राशि 40 हजार रुपए से अधिक नहीं होगी। पशुओं के बीमा के लिए निर्धारित उम्र अनुसार गाय की उम्र 3 से 12 वर्ष और भैंस की 4 से 12 वर्ष होनी चाहिए। इसी प्रकार बकरी और भेड़ की उम्र 1 से 6 वर्ष जबकि ऊंट की उम्र 2 से 15 वर्ष होनी चाहिए।पशुपालकों को किया जा रहा है प्रोत्साहित
जिले में मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के पशुपालक बीमा के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। पशुपालकों को इसके लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस योजना को लेकर जिले में अभी तक कितने पशुपालकों ने बीमा कराया है इसकी जानकारी नहीं है।– डॉ. जगदीश जीनगर, उपनिदेशक पशुपालन विभाग राजसमंद