राजसमंद. लोकसभा की ये सीट भाजपा की परंपरागत सीट मानी जाती है। लेकिन पिछले चुनाव से इसकी तुलना की जाए तो भाजपा उस जीत से पीछे रह गई। 2019 के लोकसभा चुनाव में वर्तमान में भाजपा सरकार में उप मुख्यमंत्री व उस समय की सांसद दीया कुमारी ने 8 लाख 63 हजार 039 मत हासिल किए। इस समय भाजपा को यहां पर सर्वाधिक बड़ी जीत मिली थी। यहां दीया कुमारी ने कांग्रेस के देवकीनंदन काका को 3 लाख 51 हजार 916 के बड़े अंतर से पराजित किया था। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की महिमा कुमारी पूर्व की जीत के पास नहीं पहुंच पाई। ऐसे में उन्हे 1 लाख 59 हजार 693 मत पिछली बार की अपेक्षा कम मिले। इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा के वोट शेयर में भी गिरावट दर्ज की गई है। 2019 में भाजपा का वोट शेयर 69.91 प्रतिशत था। जो इस बार 64.4 पर आ गया। ऐसे में भाजपा के वोट शेयर में 3.51 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इधर इस बार कांग्रेस के वोट शेयर में इजाफा हुआ है। पिछले चुनाव में कांग्रेस को 25.09 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। इस बार 2024 में 32.06 प्रतिशत मत हासिल किए। यहां कांग्रेस के वोट शेयर में 6.97 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज की है।
बीते लोकसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत पर नजर
2009
41.88 पुरुष मतदान प्रतिशत
37.44 महिला मतदान प्रतिशत
39.72 कुल मतदान प्रतिशत
2014
57.69 पुरुष मतदान प्रतिशत
57.50 महिला मतदान प्रतिशत
57.60 कुल मतदान प्रतिशत
2019
69.18 पुरुष मतदान प्रतिशत
64.91 महिला मतदान प्रतिशत
67.08 कुल मतदान प्रतिशत
2024
57.63 पुरूष मतदान प्रतिशत
59.18 महिला मतदान प्रतिशत
58.39 कुल मतदान प्रतिशत
राजसमंद लोकसभा सीट का इतिहास
यह राजस्थान की एकमात्र ऐसी संसदीय सीट है, जिसका क्षेत्र छह जिलों के दस विधानसभा क्षेत्रों में फैला है। राजसमंद जिला अरावली पर्वतमाला के बीच में स्थित है। इस जिले का नाम मेवाड़ के राणा राज सिंह द्वारा 17वीं सदी में राजसमंद झील के नाम पर रखा गया है। 10 अप्रेल 1991 को उदयपुर जिले के राजनगर और कांकरोली को मिलाकर राजसमंद नाम दिया और अलग जिले का गठन किया गया था। कुम्भलगढ़ और हल्दीघाटी राजसमंद जिले के प्रमुख पर्यटन केंद्र है, जिसे देखने लाखों सैलानी यहां हर साल आते हैं। साल 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की जनसंख्या 25,17,685 है, जिसका 81.94 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण और 18.06 फीसदी हिस्सा शहरी है। कुल आबादी का 16.09 फीसदी अनुसूचित जाति और 6.61 फीसदी अनुसूचित जनजाति हैं।
अब चौथा चुनाव
उदयपुर से अलग कर व कुछ और जिलों का इलाका जोडक़र 2009 से पूर्व राजसमंद को लोकसभा सीट बनाया था। मेवाड़ और मारवाड़ के चार जिलों में फैली राजसमंद लोकसभा सीट पर साल 2009 में पहला आम चुनाव हुआ। साल 2014 में दूसरा, 2019 में तीसरा और अब 2024 में ये चौथा चुनाव है।
एक नजर में राजसमंद लोकसभा क्षेत्र
– श्रेणी: सामान्य – विधानसभा क्षेत्र 8: भीम, कुम्भलगढ़, राजसमंद, नाथद्वारा (राजसमंद), जैतारण (पाली), ब्यावर (अजमेर), मेड़ता व डेगाणा (नागौर) – क्षेत्र की लम्बाई : 467 किमी लगभग (दोनों छोर)
– लोकसभा चुनाव में राज्य की 22वें नम्बर की राजसमंद सीट – एक छोर नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र का दक्षिण-पूर्व में बेरण गांव है, तो दूसरा उत्तर-पश्चिम में करीब 467 किमी दूर डेगाणा विधानसभा क्षेत्र के गांव राजापुरा और डावोली तक है।
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