मंगलवार को नंद महोत्सव मनाया जा रहा है। प्रभु श्रीनाथजी के प्रात: पौने 5 बजे मंगला की झांकी के दर्शन खुले, जिसके बाद तिलकायत राकेश गोस्वामी व पुत्र विशाल बावा के साथ श्रीजी बावा की मंगला की आरती उतारी। मंगला के दर्शन में धराए श्रृंगार के बाद श्रीजी बावा को पंचामृत स्नान के लिए श्रृंगार धराया गया। इसके बाद श्रीजी बावा को पंचामृत स्नान कराते हुए दूध की सेवा से प्रारंभ की। इस क्रम के बाद दही, मिश्री का बुरा, घृत यानि घी एवं शहद के साथ ठाकुरजी को स्नान कराया गया।
श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा
इस दौरान मंदिर में झालर घंटे बजने के साथ ही शंखनाद भी होता रहा। वहीं, डोल तिबारी में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा, जिन्होंने ने गिरिराज धरण के खूब जयकारे लगाए। विशाल बावा ने बाद में प्रभु श्रीनाथजी के निधि स्वरूप लाड़ले लालनजी को भी पंचामृत स्नान कराया। निधि स्वरूप को निज मंदिर के बाहर चबूतरे पर पंचामृत स्नान के लिए बिराजित किया गया। बाद में प्रभु को चन्दन आंवला एवं फुलेल सुगन्धित तेल से अभ्यंग स्नान भी कराया गया। श्रीजी बावा को जन्माष्टमी पर वस्त्र सेवा केसरी रंग की जामदानी की रुपहली जरी की तुईलैस से सुसज्जित चाकदार एवं चोली धराई। सुनहरी छापे का सूथन, लाल रंग का पीतांबर चौखटे के ऊपर धराया गया।