यह मांगा विभाग ने बजट
विभागीय जानकारों के अनुसार फव्वारा संयंत्र के अनुदान के भुगतान के लिए 55.5 लाख का बजट मांगा गया है। इसमें 2023-24 में 46.80 और 2024-25 का 8.70 लाख रुपए हैं। इसी प्रकार मिनि स्प्रिंकलर का 2022-23 का 1.25 और 2.56 लाख रुपए बकाया चल रहा है। ड्रिप संयंत्र के लिए 2022-23 में 7.17 लाख, 2023-24 के लिए 76.11 और 2024-25 के लिए 10.75 लाख रुपए का अनुदान शेष चल रहा है। इसके लिए उद्यान विभाग के संयुक्त निदेशक भीलवाड़ा को पत्र लिखकर बजट की मांग की गई है।यह होता है फायदा
ड्रिप सिंचाई : इससे 50 से 70 प्रतिशत पानी की बचत होती है। पानी को कम दबाव वितरण प्रणाली से बार-बार छोड़ा जाता है, जिसमें छोटे व्यास के प्लास्टिक पाइप लगे होते हैं, जिन्हें एमिटर या ड्रिपर्स कहा जाता है, जो पौधे के पास सीधे भूमि की सतह पर पहुंचते हैं। यह बागवानी फसलों के लिए उपयोगी होती हैं।स्प्रिंकलर सिंचाई : पाइप और स्प्रिंकलर के एक नेटवर्क से बनी होती है। पाइप पानी को उचित दबाव पर सभी ऑपरेटिंग स्प्रिंकलर को इसकी आपूर्ति करते हैं। पानी एक जेट के रूप में नोजल से बाहर निकलता है जो जमीन पर गिरने वाली पानी की बूंदों और बढ़ते पौधों की पत्तियों जैसे बारिश की बूंदों के रूप में गिरता है।
बजट की कर रखी है डिमांड
जिले में प्रति बूंद अधिक फसल योजना के तहत फव्वारा संयंत्र, मिनि स्प्रिंकलर और ड्रीप संयंत्र पर दिए जाने वाले अनुदान के लिए बजट की मांग की है। इसके लिए पत्र भी लिखा गया है। जल्द बजट जारी होने की उम्मीद है।- हरिओम सिंह राणा, उप निदेशक उद्यान विभाग राजसमंद