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मल्टीनेशनल कम्पनी को छोडकऱ हर्षाली ने अपनाया यह मार्ग… पढ़े पूरी खबर

बैंगलुरु की अमेरिकन मल्टीनेशनल कंपनी एडोब सॉफ्टवेयर में इंजीनियर हर्षाली ने 32 लाख रुपए सालाना पैकेज छोडकऱ अब वैराग्य का मार्ग अपनाने जा रही है। उनकी दीक्षा 3 दिसम्बर को होगी।

राजसमंदNov 30, 2024 / 11:27 am

himanshu dhawal

मुमुक्षा हर्षाली कोठारी

देवगढ़. भौतिक भोग वासनाओं एवं सांसारिक ऐश्वर्य को धता बताते हुए एक मल्टी मिलेनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर जैन परिव्रज्या अंगीकार कर रही है, जिनकी दीक्षा आगामी 3 दिसंबर को होगी। समता युवा संघ के श्रावक महावीर कोठारी ने बताया कि अखिल भारतीय साधुमार्गी जैन संघ के आचार्य रामलाल के सान्निध्य में ब्यावर निवासी 28 वर्षीय मुमुक्षा हर्षाली कोठारी आगामी 3 दिसंबर प्रात: नरबद खेड़ा स्थित केडी विद्यालय परिसर में जैन भगवती दीक्षा लेने जा रही है। बैंगलुरु की अमेरिकन मल्टीनेशनल कंपनी एडोब सॉफ्टवेयर में इंजीनियर हर्षाली गत कुछ वर्षों से 32 लाख रुपए सालाना पैकेज पर कंपनी में कार्यरत है। उनके पिता अशोक कोठारी, माता उषा देवी एवं तीन भाइयों के बीच वह इकलौती बहन हैं। उनकी स्कूली शिक्षा ब्यावर में हुई, जिसके बाद बी टेक करने वाली हर्षाली ने कुछ समय बेंगलुरु कंपनी में जॉब किया।

चातुर्मास के दौरान धर्मगुरू से हुई मुलाकात

गत कुछ वर्ष पूर्व आचार्य रामलाल के ब्यावर में चातुर्मास के दौरान उनकी मुलाकात धर्मगुरु से हुई, जिसके बाद वे सांसारिक मोहत्-माया से विरक्त हो गई। वैराग्यवती हर्षाली के मुताबिक दुनियां के आकर्षणों व जागतिक ऐषणाओं से परे उस बालब्रह्मचारिणी को शादी एवं पैसे के सुख से भी अधिक आत्म अन्वेषण, अध्यात्म के रहस्यमय जगत से रूबरू होने में दिलचस्पी होने लगी। वीतरागता के पथ पर अग्रसर होकर तीर्थंकर तुल्य जीवनचर्या अपनाकर सत चित आनंद भाव में रमण करने एवं शाश्वत आत्मिक सुख की प्राप्ति की ख्वाहिशें मन में हिलोरें लेने लगीं। इसके चलते उन्होंने गत वर्ष जॉब को तिलांजलि दे दी, फ्लाइट का सफर छोड़ अब वह पैदल गमन करने लगी। भीलवाड़ा चातुर्मास के दौरान हर्षाली की परिपक्व मानसिकता व धर्म समर्पणा के मद्देनजर आचार्य व परिजनों ने उन्हें दीक्षा की अनुमति प्रदान कर दी। वह भगवता की राह पर अग्रसर हो गई तथा आगामी मंगलवार को परिव्राजक बनकर अंतर यात्रा के लिए कूच करने जा रही है।

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