सिसोदिया परिवार के सदस्य करते हैं पूजा
मंदिर में प्राचीन समय से चल रही परंपरा के तहत सिसोदिया परिवार के सदस्य पूजा करते आ रहे हैं। मन्दिर के पुजारी किरणसिंह सिसोदिया, जयराम तेली ने बताया कि केलवागढ़ स्थित माताजी के मंदिर में तीन मूर्तियां स्थापित हैं। इसमें दो चामुंडा की व एक बायन माता की है। वहीं, तेली नकुम समाज की कुलदेवी चामुंडा माता, सिसोदिया एवं चुंडावत समाज की कुलदेवी भी बायन माता है। वर्तमान में यह देवी खेड़ा देवी के नाम से भी प्रसिद्ध है, जहां सावन-भादो में क्षेत्र के किसान सुख-समृद्धि की कामना को लेकर पैदल पहुंचकर पूजा करते हैं।
चारों ओर मार्बल माइंस फिर भी मंदिर सुरक्षित
चामुंडा माता के मंदिर के चारों ओर मार्बल माइंस की भरमार होने से मंदिर के अस्तित्व को खतरा लग रहा था। ऐसे में लोगों की यह भी मान्यता है कि यह चामुंडा माता का चमत्कार ही है कि चामुंडा माताजी ने मंदिर के आसपास के क्षेत्र के मार्बल में क्रैकर्स और दरारें कर दी, जिसकी वजह से यहां मार्बल खनन पूर्णत: रुका हुआ है। ऐसे में खनन नहीं होने से मंदिर को अब किसी तरह का खतरा नहीं है।
स्पष्ट दिखता है राजसमंद झील का नजारा
कस्बे से राजसमंद झील करीब दस से बाहर किलोमीटर दूर होने के बावजूद केलवागढ़ के चामुंडा माता मंदिर से झील का आकर्षक नजारा स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।