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राजस्थान के इस जिले में नगर परिषद की अनदेखी से मात्र 14 के पास फायर एनओसी…पढ़े क्या है कारण

जिला मुख्यालय पर 70 से अधिक व्यापारिक और व्यवसायिक प्रतिष्ठान संचालित होने के बावजूद मात्र कुछ ही संस्थाओं ने फायर एनओसी ले रखी है। फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं होने की स्थिति में कभी आग लगने पर गंभीर हादसा हो सकता है।

राजसमंदNov 29, 2024 / 11:48 am

himanshu dhawal

आर.के.राजकीय चिकित्सालय में लगा फायर फाइटिंग सिस्टम

राजसमंद. जिला मुख्यालय पर 70 से अधिक व्यापारिक और व्यवसायिक प्रतिष्ठान संचालित होने के बावजूद सिर्फ 14 व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के पास ही फायर एनओसी है। ऐसे में फायर फाइटिंग सिस्टम के अभाव में आग लगने की स्थिति में जनहानि होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसके बावजूद नगर परिषद की ओर से संबंधित प्रतिष्ठान संचालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। शहर में संचालित अधिकांश व्यापारिक, व्यवसायिक और कॉम्पलेक्स प्रतिष्ठानों के पास फायर एनओसी नहीं है। इसके बावजूद संबंधित प्रतिष्ठान संचालकों के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होने से इनके हौसले बुलंद है और इसकी अनदेखी कर रहे हैं। फायर एनओसी के अभाव में कभी भी आग लगने की स्थिति में जान-माल का नुकसान हो सकता है। कई प्रतिष्ठानों में अग्नि शमन यंत्र तक नहीं है। ऐसे में किसी भी कारण से आग लगने की स्थिति में सिर्फ दमकल पर ही निर्भर रहना पड़ता है। इससे कभी भी जनहानि हो सकती है। गौरतलब है कि गत दिनों यूपी के एक हॉस्पिटल में आग लगने से कई बच्चे जिंदा जल गए थे। प्रदेश में भी कई हादसे हो चुके हैं। इन हादसों को रोकने और समय रहते इन पर काबू पाने के लिए सरकार की ओर से भी अब सख्ती की जा रही है। इसके चलते अब सभी प्रतिष्ठानों, कॉम्पलेक्स और फ्लेट्र्स के लिए फायर एनओसी लेना आवश्यक कर दिया है।

शहर में सिर्फ इनके पास एनओसी

जिला मुख्यालय पर आर.के.राजकीय चिकित्सालय सहित पांच चिकित्साल, पांच स्कूल और सिर्फ चार होटल संचालकों ने फायर एनओसी है। जबकि जिला मुख्यालय पर छोटी-बड़ी सहित 10 से अधिक निजी स्कूलें संचालित है। इसी प्रकार चार-पांच कॉलेज, 10 के करीब छोटे बड़े चिकित्सालय, 3-4 काम्पलेक्स और सिनेमा हॉल संचालित है। इसके बावजूद सिर्फ 14 ने ही फायर एनओसी ले रखी है। जानकारों की मानें तो व्यावसायिक-व्यापारिक प्रतिष्ठान जिनकी ऊँचाई 9 मीटर या इससे अधिक है। किसी भी तल पर कुल निर्माण अथवा सकल निर्माण क्षेत्रफल 500 वर्गमीटर से अधिक है को भी फायर एनओसी लेना आवश्यक होता है।

फायर एनओसी की यह प्रक्रिया

स्थानीय नगर निकाय में ऑनलाइन आवेदन करने पर अग्मि शमन दल की टीम संबंधित प्रतिष्ठान का मुआयना करती है। वहां पर लगाए गए अग्नि शमन यंत्र की जांच, अलार्म सिस्टम, पानी के टैंक, सप्लाई के लिए बिछाई गई पाइप लाइन, आवागमन के रास्ते, आग लगने पर बाहर निकलने के रास्ते, उसके लिए लगाए गए चिन्ह और गेट आदि की जांच करती है। इससे संतुष्ठ होने पर ही फायर एनओसी जारी की जाती है। इससे आग लगने की स्थिति में आमजन की जान बच सकती है।

इसलिए होती है आवश्यक

अग्नि अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) स्थानीय नगर निकाय के अग्नि शमन विभाग की ओर से जारी की जाती है। यह लाइसेंस सुनिश्चित करता है कि आवासीय या व्यावसायिक संपत्ति आग प्रतिरोधी है और आग दुर्घटनाओं के कारण संपत्ति और जीवन को नुकसान होने की संभावना नहीं है।

नगर परिषद की ओर से दिए जा रहे नोटिस

नगर परिषद क्षेत्र में व्यवसायिक और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को फायर एनओसी नहीं होने पर नोटिस जारी किए जा रहे हैं। कुछ ने आवेदन भी किए हैं। इनकी जांच के बाद फायर एनओसी दी जाएगी। यह सभी के लिए आवश्यक है।
  • दुर्गेश सिंह रावल, आयुक्त नगर परिषद राजसमंद

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