यह है मामला
कुमारिया खेड़ा गांव के समीप से गुजरने वाली बनास नदी के काजवे का पुल लम्बे समय से क्षतिग्रस्त है। इसपर ग्राम पंचायत ने प्रस्ताव लेकर नरेगा के तहत करीब २० लाख की स्वीकृत कर इसका काम शुरू करवाने की बात की। उस दौरान यह तय हुआ कि श्रमिक पंचायत की ओर से लगाए जाएंगे और निर्माण सामग्री ठेकदार द्वारा लगाई जाएगी। काम शुरू कर दिया गया। उसके बाद बारिश के दिनों काम को रोक दिया गया। तब से पुल का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है।
कुमारिया खेड़ा गांव के समीप से गुजरने वाली बनास नदी के काजवे का पुल लम्बे समय से क्षतिग्रस्त है। इसपर ग्राम पंचायत ने प्रस्ताव लेकर नरेगा के तहत करीब २० लाख की स्वीकृत कर इसका काम शुरू करवाने की बात की। उस दौरान यह तय हुआ कि श्रमिक पंचायत की ओर से लगाए जाएंगे और निर्माण सामग्री ठेकदार द्वारा लगाई जाएगी। काम शुरू कर दिया गया। उसके बाद बारिश के दिनों काम को रोक दिया गया। तब से पुल का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है।
परेशान हो रहे राहगीर
यहां से निकलने वाले लोगों को खासी समस्या बनी हुई है। वह बनास नदी की पगडंडी वाले रास्ते से होकर गुजर रहे हैं। जबकि गांव से जिला मुख्यालय आने के लिए वह एक मात्र रास्ता है। ऐसे में नदी के उबड़-खाबड़ रास्ते से निकलने में लोगों को खासी परेशानी होती है। साथ ही नदी वाले रास्ते से कोई बड़ा वाहन नहीं आ सकता।
यहां से निकलने वाले लोगों को खासी समस्या बनी हुई है। वह बनास नदी की पगडंडी वाले रास्ते से होकर गुजर रहे हैं। जबकि गांव से जिला मुख्यालय आने के लिए वह एक मात्र रास्ता है। ऐसे में नदी के उबड़-खाबड़ रास्ते से निकलने में लोगों को खासी परेशानी होती है। साथ ही नदी वाले रास्ते से कोई बड़ा वाहन नहीं आ सकता।
यह भी फंस रहा पेंच
पंचायत द्वारा बताया गया कि इस बारे में कई बार विभाग को अवगत कराया कि ठेकेदर द्वारा काम करवाया जाए, लेकिन विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। विभाग ने बताया कि ठेकेदार को अब तक भुगतान नहीं हुआ, इसलिए काम बंद पड़ा है।
पंचायत द्वारा बताया गया कि इस बारे में कई बार विभाग को अवगत कराया कि ठेकेदर द्वारा काम करवाया जाए, लेकिन विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। विभाग ने बताया कि ठेकेदार को अब तक भुगतान नहीं हुआ, इसलिए काम बंद पड़ा है।
मनरेगा के श्रमिकों की कई बार सूची भेजी है। फिरभी विभाग और ठेकेदार काम चालू नहीं करवा रहा है। इसके चलते लोग परेशान हो रहे हैं।
नानूराम खटीक, सरपंच, नमाना मेरा काम केवल निर्माण सामग्री डालने का है। पंचायत द्वारा मनरेगा के श्रमिक नहीं भेजे जा रहे, इसके चलते काम नहीं हो पा रहा है।
सुरेश जाट, ठेकेदार
नानूराम खटीक, सरपंच, नमाना मेरा काम केवल निर्माण सामग्री डालने का है। पंचायत द्वारा मनरेगा के श्रमिक नहीं भेजे जा रहे, इसके चलते काम नहीं हो पा रहा है।
सुरेश जाट, ठेकेदार
ठेकेदार का बकाया भुगतान नहीं हुआ है। इसलिए उसने काम बंद कर दिया।
नरसिंह कोहली, सहायक अभियंता, सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग, राजसमंद
नरसिंह कोहली, सहायक अभियंता, सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग, राजसमंद