7 माह पहले सीमांकन चाहा, अब तक नहीं किया
तहसील के रास्ते को लेकर असमंजस की स्थिति हाल-फिलहाल में नहीं पनपी है, बल्कि तहसील के लिए भूमि के निर्धारण और निर्माण शुरू होने के पहले से बनी हुई है। इसी वर्ष मार्च माह तक तहसील भवन में फिनिशिंग वर्क और रंग-रोगन के कार्य छोड़कर अधिकांश भौतिक निर्माण लगभग पूरा हो चुका था। रास्ते की अस्पष्ट स्थिति को लेकर पत्रिका ने 11 मार्च 2024 को 10 साल बाद मिला तहसील भवन, अब खोज रहे हैं रास्ता, शीर्षक के साथ खबर भी प्रकाशित की थी। पीडब्ल्यूडी ने तब नवनिर्मित भवन तक रास्ते की जानकारी, सीमांकन व आवंटन की स्थिति स्पष्ट कराने के लिए तहसील कार्यालय को पत्र लिखने की बात कही थी। उसके 7 माह बाद भी वही स्थिति बनी हुई है।कलक्टर कार्यालय से मांगा था रिकाॅर्ड
नए तहसील भवन तक पहुंचने के रास्ते को लेकर तहसीलदार ने मार्च माह में कलक्टर को पत्र लिखकर रिकाॅर्ड मांगा था। तहसीलदार ने कलक्टर को लिखे पत्र में बताया था कि प्रस्तावित रास्ता पूर्व में संपरिवर्तित आवासीय कॉलोनी में होकर जाता है। तहसीलदार ने आवासीय कॉलोनी परियोजनार्थ रूपांतरण की संपूर्ण पत्रावली मय ले-आउट प्लान मांगी थी।पीडब्ल्यूडी ने तहसीलदार को लिखा पत्र
सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता ने 15 दिसंबर 2023 को तहसीलदार को पत्र लिखकर तहसील भवन की संपर्क सड़क का सीमांकन करवाने को कहा था। उसके बाद 22 अक्टूबर को पुनः पत्र लिखकर भवन हस्तांतरण व रास्ते के सीमांकन की कार्यवाही की बात कही। लेकिन, राजस्व विभाग की ओर से रास्ते के रिकॉर्ड व सीमांकन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई।डेढ़ करोड़ की लागत से बने हैं भवन और आवास
तहसील कार्यालय व तहसीदार के आवास के लिए करीब डेढ़ करोड़ की लागत से तहसील भवन व आवासीय क्वार्टरों का निर्माण किया गया है। खमनोर कस्बे की मुख्य आबादी के बीच तीन-चार कमरों के पुराने भवन में तहसील चल रही है। पुराने भवन में राजस्व रिकाॅर्ड संभालकर रखना व कामकाज करना काफी मुश्किल हो रहा है। बारिश में कई बार रिकाॅर्ड भीगने और खराब होने के मामले भी हो चुके हैं। कर्मचारियों व आमजन के बैठने, पार्किंग, टॉयलेट, पेयजल जैसी सुविधाएं भी उपयुक्त और पर्याप्त नहीं होने से परेशानी का सामना करना पड़ता है।रास्ते के सीमांकन के लिए लिखा है पत्र
खमनोर में तहसील कार्यालय के नए भवन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। रास्ते के सीमांकन के बाद ही सड़क निर्माण किया जा सकेगा। रास्ते के सीमांकन के लिए तहसीलदार को पत्र लिखा हैं। भानु माथुर, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी नाथद्वारा