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प्रदेश में ऐसी जगह जहां पर डेढ़ लाख बोतलों में बंद कर दी 1 करोड़ सिंगल यूज प्ला स्टिक, अब वेस्ट टू आर्ट की ओर बढ़ा रहे कदम

जिले में गौमाता को पॉलिथीन के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए समस्त ग्राम पंचायतों में प्लास्टिक से मुक्ति के लिए मिशन मोड पर अभियान चलाया जा रहा है।

राजसमंदNov 22, 2024 / 05:34 pm

Madhusudan Sharma

Polithin News

मधुसूदन शर्मा
राजसमंद. जिले में गौमाता को पॉलिथीन के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए समस्त ग्राम पंचायतों में प्लास्टिक से मुक्ति के लिए मिशन मोड पर अभियान चलाया जा रहा है। जिला परिषद के सीईओ, बृजमोहन बैरवा द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत पॉलिथीन को हमेशा के लिए गायब करने और गौमाता को इसके खतरों से बचाने के लिए पॉलिथीन को प्लास्टिक की बोतलों में बंद करने का तरीका अपनाया था। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर संदेश देकर पॉलीथिन को गायब करने का तरीका सुझाया। इसके बाद लोगों ने पॉलीथिन को बोतलों में बंद करने का काम शुरू कर दिया। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के समन्वयक नानालाल सालवी ने बताया कि अब तक डेढ़ लाख से अधिक प्लास्टिक बोतलों में लगभग 1 करोड़ सिंगल यूज पॉलिथीन थैलियां बंद की जा चुकी हैं। इन बोतलों से ‘वेस्ट टू आर्ट’ (कलाकृतियों) का निर्माण किया जा रहा है, जिन्हें भविष्य में सार्वजनिक प्रदर्शित किया जाएगा। खमनोर ब्लॉक में ‘वेस्ट टू आर्ट’ के तहत सिंगल यूज प्लास्टिक बोतल से पेड़ के चबूतरे, ट्री गार्ड आदि बनाए गए हैं, जो सराहे गए हैं।

गुरुवार को मनाया ‘पॉलिथीन फ्री डे’

जिला परिषद सीईओ बृजमोहन बैरवा के निर्देशन में इस अभियान के तहत गुरुवार को सभी ग्राम पंचायतों में एक दिवसीय प्लास्टिक मुक्त अभियान आयोजित किया गया। इस दिन सिंगल यूज पॉलीथिन की थैलियां प्लास्टिक बोतलों में एकत्रित की गई। ग्रामीणों को इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया। इसके साथ ही, पुराने और बेतरतीब पड़े कचरे को हटाकर गंदगी वाले स्थानों की सफाई भी करवाई गई। सभी सामुदायिक शौचालयों की सफाई करवाई जा रही है, साथ ही बंद पड़े शौचालयों को फिर से चालू किया जा रहा है।

खमनोर में बन रहा पहला सेनिटेशन पार्क

खमनोर में जिले का पहला सेनिटेशन पार्क तैयार हो रहा है, जिसमें अनुपयोगी सिंगल यूज प्लास्टिक से भरी बोतलों का उपयोग किया जा रहा है। इस पहल से पंचायतों में बिखरे हुए सिंगल यूज प्लास्टिक के कचरे में कमी आएगी, और लोग इससे प्रेरित होकर बेहतर तरीके से प्लास्टिक का उपयोग करेंगे।

पिंक टॉयलेट पर कार्य हो रहा है तीव्र गति से

राज्य सरकार की पिंक टॉयलेट योजना के तहत जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में बालिकाओं के सर्वाधिक नामांकन वाले विद्यालयों के शौचालयों का नवीनीकरण कर पिंक टॉयलेट के रूप में विकसित किया जा रहा है, ताकि बालिकाओं को बेहतर और सुरक्षित शौचालय सुविधाएं मिल सकें।

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