31 जनवरी तक संबंधित उपखंड कार्यालय या जिला रसद कार्यालय में जाकर अपने परिवार का नाम स्वैच्छा से हटवाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद अपात्र परिवारों के खिलाफ खाद्य विभाग की ओर से वसूली की जाएगी और कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस योजना से अब तक 722 सदस्य बाहर हो चुके हैं।