यह भी पढ़ें: Chhattisgarh News: SDM ने महिला सरपंच को किया निलंबित, इस मामले में की गई कड़ी कार्रवाई बता दें कि क्षेत्र के ग्राम चिचदो में जनसमस्या निवारण शिविर आयोजित होने के चलते अधिकांश अधिकारी शिविर में व्यस्त थे। वहीं घेराव की जानकारी मिलने के कुछ समय पश्चात एसडीएम कार्यालय में तहसीलदार प्यारेलाल नाग सहित पुलिस टीम पहुंच गई और ग्रामीणों को समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े रहे।
ग्रामीणों ने बताया कि विगत तीन वर्षों से ग्राम के सरपंच के खिलाफ हो रही शिकायकतों के बाद भी शासन-प्रशासन मूकदर्शक बनकर बैठा है। एसडीएम से लेकर जिला कलेक्टर और मुख्यमंत्री तक शिकायत होने के बाद भी सरपंच पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है। यहां तक इन शिकायतों के बाद जांच प्रतिवेदन भी आ चुका है, लेकिन सरपंच पर कार्यवाही के नाम पर अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं। सरपंच के विरूद्ध शिकायतों के अंबार होने और उनकी पुष्टि होने के बावजूद कार्यवाही नहीं होना अनेक सवालों को जन्म देता है और ऐसे मामलों के चलते ग्रामीणों का कछुआ गति से चल रहे प्रशासनिक और न्यायालयीन प्रकिया से विश्वास उठ चला है।
यह है पूरा मामला
बता दें कि ग्रामीणों ने सरपंच के खिलाफ 19 बिन्दुओं पर शिकायत करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं और सरपंच को हटाने की मांग की जा रही है। इसके लिए हताश ग्रामीण देर शाम समाचार लिखे जाने तक एसडीएम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे रहे. आक्रोशित ग्रामीणों के लगाए आरोपों के आधार पर हुए जांच प्रतिवेदन में बताया कि धान खरीदी केन्द्र में फर्जी मस्टररोल में अपने परिवार के सदस्यों को लाभ पहुंचाया गया। जबकि यह कार्य ग्रामीणों ने जनसहयोग से किया था। इसके साथ ही अन्य मामलों में फर्जी बिल लगाकर वारा-न्यारा किया गया है। इनमें सबसे बड़ा मामला एलडब्ल्यूई मद में स्वीकृत 15लाख का पुलिया सरपंच अपने खेत तक जाने के लिए बना दिया है। जबकि फोटोकापी और स्टेशनरी जैसे कार्यों के लिए मात्र एक वर्ष में कई लाख के बिल निकाले गए हैं। वहीं बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर एंड ट्रांसपोर्टर ने बोरिंग पाईप का बिल लगाया है।