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बता दें कि धान खरीदी के पहले ही सबसे ज्यादा तैयारी करनी पड़ती है। तैयारी में ही अधिक राशि खर्च करनी पड़ती है। फिलहाल सोसाइटियों में साफ-सफाई, सुरक्षा घेरा, बिजली-पानी व्यवस्था, नमी मापक मशीन की व्यवस्था, किलोबाट सत्यापन और ड्रेनेज बनाने का काम जारी है। बताया जा रहा है कि इस साल खरीदी शुरू होने से पहले ही सोसाइटियों मेें कट्टे का गठान पहुंचना शुरू हो गया है, लेकिन तैयारी को लेकर मिलने वाली राशि नहीं आने से सोसाइटी प्रबंधन को आर्थिक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।
बता दें कि धान खरीदी के पहले ही सबसे ज्यादा तैयारी करनी पड़ती है। तैयारी में ही अधिक राशि खर्च करनी पड़ती है। फिलहाल सोसाइटियों में साफ-सफाई, सुरक्षा घेरा, बिजली-पानी व्यवस्था, नमी मापक मशीन की व्यवस्था, किलोबाट सत्यापन और ड्रेनेज बनाने का काम जारी है। बताया जा रहा है कि इस साल खरीदी शुरू होने से पहले ही सोसाइटियों मेें कट्टे का गठान पहुंचना शुरू हो गया है, लेकिन तैयारी को लेकर मिलने वाली राशि नहीं आने से सोसाइटी प्रबंधन को आर्थिक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।
यह भी पढ़ें : CG Assembly Election 2023 : विधानसभावार तीन केंद्रों से होगा मतदान सामग्री वितरण नहीं बढ़ी हमालों की राशि मिली जानकारी अनुसार लंबे समय से हमालों का मेहनताना भी नहीं बढ़ा है। सोसाइटियों को पिछले साल हुई खरीदी की कमीशन की राशि मार्कफेड से अब तक नहीं मिली है। साथ ही जीरो प्रतिशत शॉर्टेज लाने वाली समितियों को 5 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि भी नहीं दी गई है। इस वजह से समिति द्वारा वहां काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन भुगतान भी नहीं किया गया है और इधर फिर से धान खरीदी की तैयारी चल रही है।
यह भी पढ़ें : Navratri Puja 2023 : 501 किलो फलों से हुआ मां बम्लेश्वरी का श्रृंगार रंग और छपाई में भी होता है खर्च बता दें कि अविभाजित राजनांदगांव जिले में कुल १३९ सहकारी समिति है, जिसके माध्यम से किसानों की उपज की खरीदी की जाती है। सोसाटियों को मिलने वाली राशि से ही वहां कार्यरत कर्मचारियों को भुगतान किया जाता है। इसके लावा इसी राशि से ही बोरे में छपाई और सुतली का खर्च भी वहन किया जाता है।